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नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई और कारोबारी रॉबर्ट वाद्रा के बयान दर्ज किए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
ईडी की पूछताछ को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित’’ बताते हुए वाद्रा ने कहा कि पहले भी ईडी उनसे (धन शोधन के अन्य मामलों में) घंटों पूछताछ कर चुकी है, हजारों पन्ने साझा किए हैं, लेकिन फिर भी एजेंसी उनके खिलाफ मामले उठा रही है।
मध्य दिल्ली के सुजान सिंह पार्क स्थित अपने आवास से वाद्रा (56) एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय तक करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। वह अपने वकील के साथ पूर्वाह्न 11 बजे ईडी कार्यालय में दाखिल हुए, जबकि उनकी सुरक्षा टीम बाहर ही रही।
ईडी कार्यालय जाने के दौरान रास्ते में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। जब भी मैं अल्पसंख्यकों के लिए बोलता हूं तो वे मुझे रोकने की कोशिश करते हैं, हमें कुचलने की कोशिश करते हैं… उन्होंने संसद में राहुल (गांधी) को भी रोकने की की। यह एजेंसियों का दुरुपयोग है और यह राजनीतिक प्रतिशोध है।’’
उन्होंने कहा कि वह पहले की तरह ही जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत करीब दो घंटे तक उनका बयान दर्ज किया। पूछताछ दिन भर जारी रहने की उम्मीद है।
अपराह्न करीब डेढ़ बजे ईडी कार्यालय से भोजन अवकाश के लिए बाहर आने के बाद वाद्रा ने पत्रकारों से कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मामले को बंद करने की जरूरत है। उन्होंने पूछा, ‘‘आप 2007 में हुई किसी घटना के बारे में कैसे बात कर सकते हैं?’’
सूत्रों ने बताया कि वाद्रा को इस मामले में पहली बार आठ अप्रैल को तलब किया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे और नयी तारीख का अनुरोध किया था।
वाद्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा केरल के वायनाड से कांग्रेस की सांसद हैं। वाद्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के मानेसर-शिकोहपुर (अब गुरुग्राम में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी है।
जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें वाद्रा से जुड़ी एक कंपनी, ‘स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ‘ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज’ नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। उस समय हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी।
चार साल बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने इस 3.53 एकड़ जमीन को रियल्टी कंपनी ‘डीएलएफ’ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया।
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में उस समय विवादों में आ गया था, जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया था। खेमका उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीयन महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।
हरियाणा में उस वक्त विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तब इस मामले को भूमि सौदों में ‘‘भ्रष्टाचार’’ और ‘‘भाई-भतीजावाद’’ का उदाहरण बताया था, जो वाद्रा की कांग्रेस पार्टी के ‘प्रथम परिवार’ (गांधी परिवार) के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है।
हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन के दो अलग अलग मामलों में वाद्रा से कई बार पूछताछ की है।
ईडी ने दिसंबर 2023 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित एनआरआई (अनिवासी भारतीय) व्यवसायी और कथित तौर पर वाद्रा से जुड़े सी. सी. थम्पी एवं ब्रिटेन स्थित हथियार सलाहकार संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में कहा गया है कि एजेंसी 2005-06 के दौरान एक रियल एस्टेट एजेंट के माध्यम से वाद्रा की हरियाणा में तीन भूखंडों की खरीद के साथ-साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा किए गए एक भूमि सौदे की जांच कर रही है।
आरोप पत्र में न तो वाद्रा और न ही प्रियंका गांधी वाद्रा को आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने कहा था कि थम्पी ने 2005 से 2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) स्थित रियल एस्टेट एजेंट एच. एल. पाहवा के माध्यम से हरियाणा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी।
ईडी ने आरोपपत्र में कहा, ‘‘यह उल्लेख करना जरूरी है कि रॉबर्ट वाद्रा ने 2005-2006 में एच. एल. पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) की तीन जमीन खरीदी और दिसंबर 2010 में यही जमीन एच. एल. पाहवा को बेच दी।’’
आरोप पत्र के अनुसार, ‘‘इसके अलावा, रॉबर्ट वाद्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी अप्रैल 2006 में एच. एल. पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (पांच एकड़) कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में यही जमीन एच. एल. पाहवा को बेच दी।’’
आरोप पत्र में कहा गया है कि ‘‘पाहवा को भूमि अधिग्रहण के उद्देश्य से खातों से नकद राशि प्राप्त हो रही थी।’’
ईडी ने कहा, ‘‘यह भी पता चला कि रॉबर्ट वाद्रा ने पाहवा को पूरी राशि का भुगतान नहीं किया। इस संबंध में जांच अब भी जारी है।’’
भाषा सुरभि पवनेश
पवनेश
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