Election Commission PC: चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया, सभी से SIR को सफल बनाने की अपील की
Election Commission PC: बिहार में चुनावों से पहले SIR को लेकर चुनाव आयोग ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके पत्रकारों के तमाम सवालों का जवाब दिया। चुनाव आयोग ने बिहार में SIR को लेकर राजनीतिक दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। आयोग ने सभी से SIR को सफल बनाने की अपील भी की।
Election Commission PC, image source: ANI
- बिहार में चुनावों से पहले चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस
- PC में राजनीतिक दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप
Election Commission PC: बिहार में चुनावों से पहले SIR को लेकर चुनाव आयोग ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके पत्रकारों के तमाम सवालों का जवाब दिया। चुनाव आयोग ने बिहार में SIR को लेकर राजनीतिक दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। आयोग ने (Election Commission PC) सभी से SIR को सफल बनाने की अपील भी की।
चुनाव आयोग के लिए सभी समान
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है। फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी समान हैं। कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।”
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, तो चुनाव आयोग उन राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है। चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं… पिछले दो दशकों से, लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं, इसके लिए चुनाव आयोग ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत की है। SIR की प्रक्रिया में, सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख BLA ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है…”
जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम पैदा करने की कोशिश
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLA के सत्यापित दस्तावेज और टेस्टेमोनियल या तो उनके अपने राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है। सभी हितधारक मिलकर काम करके बिहार के SIR को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “कानून के अनुसार अगर समय रहते मतदाता सूचियों में त्रुटियां साझा न की जाए, अगर मतदाता द्वारा अपने उम्मीदवार को चुनने के 45 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर नहीं की जाए, और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए, तो यह भारत के संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है?”
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, उनके CCTV वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं…”
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, “…As far as the machine-readable voter list is concerned, the Supreme Court has already said in 2019 that this could be a violation of voter privacy.” pic.twitter.com/0vtzPlHxxe
— ANI (@ANI) August 17, 2025
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “… एक बार जब SDM द्वारा अंतिम सूची प्रकाशित हो जाती है, तो मसौदा सूची राजनीतिक दलों के साथ भी साझा की जाती है और अंतिम सूची भी राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है, यह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है… मतदान केंद्रवार सूची दी जाती है। प्रत्येक उम्मीदवार को एक पोलिंग एजेंट नामित करने का अधिकार है और यही सूची पोलिंग एजेंट के पास भी होती है… रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा परिणाम घोषित करने के बाद भी, एक प्रावधान है कि आप 45 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और चुनाव को चुनौती दे सकते हैं। जब 45 दिन पूरे हो जाते हैं चाहे वह केरल हो, कर्नाटक हो, बिहार हो, और जब किसी भी पार्टी को 45 दिनों में कोई गलती नहीं मिली, तो आज इतने दिनों के बाद, इस तरह के निराधार आरोप लगाने के पीछे उनका मकसद क्या है, यह पूरे देश के लोग समझते हैं।”
अन्य देश के नागरिकों को मतदान का अधिकार नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “…मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत के संविधान के अनुसार, केवल भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं, किसी अन्य देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है। अगर ऐसे लोगों ने गणना फॉर्म भरा है, तो SIR प्रक्रिया में उनकी पात्रता साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी और ऐसे केस में गहन जांच के दौरान ऐसे लोग पाए जाएंगे जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और निश्चित तौर से उनका वोट नहीं बनेगा।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “जहां तक पश्चिम बंगाल के SIR की तारीख का सवाल है तो हम तीनों कमिश्नर उचित समय देखकर निर्णय लेंगे, चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, आने वाले समय में इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी।”
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