नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने नवीनतम संविधान की प्रतियां 30 दिनों के भीतर अद्यतन संशोधनों के साथ साझा करें, क्योंकि उसने पाया कि कई दलों ने अब तक यह महत्वपूर्ण दस्तावेज उसे नहीं सौंपा है।
आयोग ने पार्टी अध्यक्षों को लिखे पत्र में कहा कि दलों का संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें पार्टी के उद्देश्यों और लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है।
पत्र में कहा गया कि प्रत्येक पंजीकृत राजनीतिक दल अपने संविधान में किए गए सभी संशोधनों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के लिए बाध्य है।
इसमें कहा गया, ‘‘यह अनुरोध किया जाता है कि पार्टी के नवीनतम संविधान की प्रति, इसके सभी अद्यतन संशोधनों के साथ, 30 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी जाए, ताकि नवीनतम संविधान को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।’’
अधिकारियों ने इंगित किया कि कुछ दलों ने काफी समय से निर्वाचन आयोग को अपने नवीनतम संविधान की प्रति नहीं सौंपी है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक अनुस्मारक है।’’
निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को समग्र रूप से मजबूत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी दल अपने पार्टी संविधान में निहित प्रावधानों का पालन करें।
इसमें कहा गया, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, निर्वाचन आयोग ऐसे राजनीतिक दलों के संविधान को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता है और इसका आकलन कोई भी कर सकता है।’’
भाषा धीरज संतोष
संतोष