Electricity Bill Hike: आम आदमी को लगा महंगाई का एक और झटका, 20 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, नोट‍िफ‍िकेशन जारी

Electricity Bill Hike: आम आदमी को लगा महंगाई का एक और झटका, 20 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, नोट‍िफ‍िकेशन जारी

Electricity Bill Hike: आम आदमी को लगा महंगाई का एक और झटका, 20 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, नोट‍िफ‍िकेशन जारी

Electricity Price Hike/ Image Credit: Pixabay

Modified Date: April 2, 2025 / 05:39 pm IST
Published Date: April 2, 2025 5:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • उत्तरप्रदेश में मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 को 1 अप्रैल से लागू।
  • बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिल में 20 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकती है।
  • यह नियम अगले पांच साल यानी 2029 तक रहेगा।

यूपी। Electricity Bill Hike : तेजी से बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है। दरअसल, उत्तरप्रदेश में मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 को 1 अप्रैल से लागू कर दिया है। मालूम हो की यह नियम अगले पांच साल यानी 2029 तक रहेगा। जिसके तहत बिजली कंपनियों को तो चार हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा, लेकिन बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिल में 20 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिसका सीधा असर उनके जेब में पड़ेगा।

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दरअसल, बिजली कंपनियों ने अपनी वार्षिक राजस्व जरूरत (एआरआर) में 13 हजार करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया है। माना जा रहा है कि, इसी घाटे की भरपाई के लिए बिजली बिल में 20 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की जाएगी। वहीं बताया गया कि, नए रेगुलेशन के तहत उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग जल्द ही 2025-26 के लिए बिजली की नई दरें तय करेगा।

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बिजली खरीदने के लिए रखे गए 70 हजार करोड़

मालूम हो कि, कंपनियों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का एआरआर पेश किया है, जिसमें 70 हजार करोड़ रुपये सिर्फ बिजली खरीदने के लिए रखे गए हैं। वहीं इस बढ़ोत्तरी की सबसे बड़ी वजह बिजली चोरी और वितरण हानियां 13.82% बताई हैं। इसके अलावा परिचालन और रखरखाव के लिए 11,800 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है यानी बिजली चोरी का बोझ भी अब आम उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा।

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एआरआर में ज्यादा कटौती नहीं

Electricity Bill Hike: वहीं अब इस मामले में विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि, रेगुलेशन से आयोग एआरआर में ज्यादा कटौती नहीं करेगा, जिससे कंपनियों को चार हजार करोड़ रुपये तक का सीधा फायदा होगा, लेकिन वितरण हानियां ज्यादा होने से इसमें सिर्फ दो हजार करोड़ तक के ही फायदे होंगे। बता दें कि, उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल चुका है। यही कारण है कि पिछले साढ़े पांच वर्ष से बिजली की दरें यथावत हैं।


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