उद्यमिता पाठ्यक्रम स्कूलों में महज योजना नहीं बल्कि आवश्यक विषय : सिसोदिया

उद्यमिता पाठ्यक्रम स्कूलों में महज योजना नहीं बल्कि आवश्यक विषय : सिसोदिया

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  • Publish Date - June 29, 2021 / 01:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम (ईएमसी) स्कूलों के लिए महज योजना या पहल नहीं है बल्कि दिल्ली के सभी स्कूलों के लिए आवश्यक विषय है और इसका लंबे समय में असर दिखेगा। यह बात मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कही।

ईएमसी के लिए समीक्षा बैठक में उन्होंने ये टिप्पणियां कीं। बैठक में उन्होंने जिला एवं क्षेत्रीय ईएमसी समन्वयकों के साथ बातचीत की। उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं ईएमसी समन्वयकों के लिए इसके वेब एप्लीकेशन को भी शुरू किया ताकि वे शिक्षण-सीखने की सामग्री का आकलन कर सकें।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘ईएमसी का उद्देश्य अपने छात्रों के लिए उद्यमिता की मानसिकता का विकास करना है। हमारे स्कूल समुदाय, खासकर हमारे शिक्षकों और स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को ईएमसी को विषय के रूप में स्वीकार करने की जरूरत है। यह महज पहल या योजना नहीं है बल्कि अनिवार्य विषय है जो हमारे छात्रों को किसी भी चुनौती का सामना करने में मानसिक एवं कौशल से लैस करेगा।’’

पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण हिस्सों के बारे में सिसोदिया ने कहा कि ईएमसी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हर छात्र के जीवन में प्रयोग एवं सीखने की रोजाना बातें शामिल होंगी ताकि छात्र अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर सकें और उन्हें अपने जीवन में उतार सकें।

सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं जिन्होंने ‘सीड मनी’ परियोजना की समीक्षा की है जिसमें छात्रों को अपना उद्यम शुरू करने के लिए एक हजार रुपये दिए जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस परियोजना की समीक्षा की है और छात्रों के विचार के आधार पर तैयार प्रोटोटाइप को देखने के बाद हर बच्चे को 2000 रुपये देने की योजना बना रहे हैं। अगर बच्चे 25 छात्रों का समूह बनाकर उद्यम शुरू करना चाहते हैं तो हम 50 हजार रुपये भी देने के लिए तैयार हैं।’’

भाषा नीरज नीरज माधव

माधव