वानियार आरक्षण मामले में प्रवेश, नियुक्तियों का मुद्दा जनहित याचिकाओं के परिणाम पर निर्भर करेगा : मद्राय उच्च न्यायालय

वानियार आरक्षण मामले में प्रवेश, नियुक्तियों का मुद्दा जनहित याचिकाओं के परिणाम पर निर्भर करेगा : मद्राय उच्च न्यायालय

  •  
  • Publish Date - August 25, 2021 / 04:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

चेन्नई, 25 अगस्त (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने वानियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ बुधवार को पूर्ण स्थगन देने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश और सरकारी सेवाओं में नियुक्तियों का मुद्दा संबंधित कोटा को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं के परिणाम पर निर्भर करेगा।

तमिलनाडु में वानियार समुदाय को 10.5 प्रतिशत विशेष आरक्षण दिए जाने संबंधी सरकारी आदेश के क्रियान्वयन पर पूर्ण रोक लगाने के याचिकाकर्ताओं के आग्रह को अस्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस कन्नाम्मल की पीठ ने कहा कि प्रवेश और नियुक्तियां बाद में दिए जाने वाले अंतिम आदेश का विषय होंगी।

पीठ व्यक्तियों और जातिगत संगठनों की ओर से दायर रिट और जनहित याचिकाओं पर अंतिरम आदेश पारित कर रही थी।

याचिकाओं में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अन्य गैर अधिसूचित समुदायों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण के भीतर वानियार समुदाय को 10.5 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को चुनौती दी गई है।

इससे पहले, महाधिवक्ता आर शणमुगसुंदरम ने कोई अंतरिम आदेश पारित किए जाने का पुरजोर विरोध किया और संबंधित आरक्षण क्रियान्वयन को सही ठहराया।

जनहित याचिकाओं में राज्य में गत छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव के संबंध में फरवरी में आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा लाए गए संबंधित आरक्षण कानून का चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यदि संबंधित कोटा क्रियान्वित होता है ‘वानियाकुल क्षत्रिय’ समुदाय के अंतर्गत आने वाली वानियार और अन्य उपजातियों को उच्च शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10.5 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाली 25 जातियों और गैर अधिसूचित समुदायों के अंतर्गत आने वाली 68 जातियों को केवल सात प्रतिशत आरक्षण मिल पाएगा।

वहीं, सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि वानियार समुदाय को 10.5 प्रतिशत आंतरिक आरक्षण से अत्यंत पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाली जातियों की संभावनाओं पर असर नहीं पड़ेगा।

भाषा

नेत्रपाल अनूप

अनूप