अरावली पहाड़ियों की नयी परिभाषा के खिलाफ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

अरावली पहाड़ियों की नयी परिभाषा के खिलाफ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 12:49 AM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 12:49 AM IST

गुरुग्राम/उदयपुर, 20 दिसंबर (भाषा) पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने शनिवार को हरियाणा के गुरुग्राम और राजस्थान के उदयपुर में अरावली पहाड़ियों की ऊंचाई-आधारित नयी परिभाषा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आशंका जताई कि यह देश की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला के पारिस्थितिक संतुलन के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

गुरुग्राम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के सदस्य और स्थानीय लोग मंत्री राव नरबीर सिंह के आवास के बाहर एकत्र हुए और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे। वे ‘अरावली बचाओ, भविष्य बचाओ’ और ‘अरावली नहीं तो जीवन नहीं’ जैसे नारे लगा रहे थे।

उन्होंने नयी परिभाषा को मंजूरी देने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की।

उच्चतम न्यायालय ने 20 नवंबर 2025 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक समिति की अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा संबंधी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।

अरावली पर्वतमाला की नयी परिभाषा तय किए जाने के विरोध में शानिवार को राजस्थान के उदयपुर में बड़ी संख्या में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया।

इन वकीलों ने अरावली पर्वतमाला की ऊंचाई पर आधारित नई परिभाषा पर चिंता जताई। इस कथित नयी परिभाषा के अनुसार केवल उसी भू-आकृति को अरावली पहाड़ियों में शामिल किया जाएगा जो कम से कम 100 मीटर ऊंची हो।

वकीलों ने नारेबाजी करते हुए न्यायालय परिसर से जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। वहां उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

भाषा

शुभम सुभाष

सुभाष