धर्मनिरपेक्षता भाजपा के लिए कड़वा शब्द, वह इसे संविधान से हटाने को आतुर: एम के स्टालिन

धर्मनिरपेक्षता भाजपा के लिए कड़वा शब्द, वह इसे संविधान से हटाने को आतुर: एम के स्टालिन

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 12:51 AM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 12:51 AM IST

तिरुनेलवेली (तमिलनाडु), 20 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा से ही नफरत करती है और इसे संविधान से हटाने के लिए आतुर है।

यहां एक क्रिसमस कार्यक्रम में स्टालिन ने दक्षिणी तमिलनाडु के तिरुनेलवेली की महिलाओं को शिक्षा दिलाने में 19वीं शताब्दी के आरंभ की ईसाई मिशनरी सारा टकर की सराहनीय सेवाओं की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सारा टकर कॉलेज जैसे संस्थान ही दक्षिणी तमिलनाडु में बड़ी संख्या में महिलाओं की शिक्षा की नींव हैं।’

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा धर्मनिरपेक्षता से नफरत करती है और इसे संविधान से हटाना चाहती है।

उन्होंने कहा ‘केंद्र में भाजपा के लिए धर्मनिरपेक्षता शब्द नीम के फल की तरह कड़वा है। वह इसे संविधान से ही हटाने के लिए आतुर है।’

स्टालिन ने कहा, ‘‘ भाजपा का मकसद देश की विविधता को नष्ट करना और एक धर्म, एक भाषा, एक संस्कृति, एक चुनाव, एक पार्टी और एक नेता वाले सत्तावादी भविष्य का निर्माण करना है। वह तमिलनाडु में भी अपनी योजना को लागू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन द्रमुक और राज्य के पास भाजपा के ‘नापाक मंसूबों’ का विरोध करने एवं उन्हें नाकाम करने की ताकत है।’’

भाषा

शुभम राजकुमार

राजकुमार