उच्च न्यायालय ने मदुरै निगम को वकील के शुल्क का भुगतान का निर्देश दिया, पैगंबर को उद्धृत किया

उच्च न्यायालय ने मदुरै निगम को वकील के शुल्क का भुगतान का निर्देश दिया, पैगंबर को उद्धृत किया

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 12:33 AM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 12:33 AM IST

मदुरै (तमिलनाडु), 20 दिसंबर (भाषा) काम पूरा होने पर शीघ्र और उचित भुगतान के संबंध में पैगंबर मुहम्मद के एक प्रसिद्ध कथन को उद्धृत करते हुए न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन ने मदुरै निगम को उसके पूर्व वकील को काफी समय से लंबित पेशेवर शुल्क का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने अदालत में एक बार पेश होने के लिए मोटी रकम लेने वाले वकीलों की सेवा लेने की परंपरा की निंदा की और एक ऐसे उदाहरण का हवाला दिया जिसमें एक वरिष्ठ वकील को प्रति पेशी चार लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

नगर निगम के पूर्व स्थायी वकील पी. तिरुमलाई के बचाव में उतरते हुए, न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने 19 दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘श्रमिक को उसकी पारिश्रमिक उसके पसीने के सूखने से पहले ही देना चाहिए।’’ उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसा कहा जाता है कि यह निर्देश पैगंबर मुहम्मद ने दिया था।

तिरुमलाई कई मामलों में अदालत में नगर निगम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह निगम को उनकी 13.05 लाख रुपये की बकाया फीस का भुगतान करने का निर्देश दे।

वह 1992 से 2006 तक निगम के वकील थे।

भाषा राजकुमार सुभाष

सुभाष