बुरी ताकतें भाषाई आधार पर भारत को बांटना चाहती हैं : धनखड़

बुरी ताकतें भाषाई आधार पर भारत को बांटना चाहती हैं : धनखड़

बुरी ताकतें भाषाई आधार पर भारत को बांटना चाहती हैं : धनखड़
Modified Date: June 23, 2025 / 10:07 pm IST
Published Date: June 23, 2025 10:07 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को आगाह किया कि भारत के विकास के लिए सावधानी से कदम उठाने की जरूरत होगी क्योंकि कुछ ताकतें मुश्किल खड़ी करने पर अमादा हैं और देश को भाषा सहित विभिन्न मुद्दों पर विभाजित करना चाहती है।

उन्होंने राजनीतिक दलों के बीच अधिक संवाद की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि राजनीतिक तापमान को कम करने की आवश्यकता है।

उपराष्ट्रपति ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राम माधव की पुस्तक ‘द न्यू वर्ल्ड 21 सेंचुरी ग्लोबल ऑर्डर एंड इंडिया’ के विमोचन के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय बलों ने नागरिकों को नहीं छुआ और केवल आतंकवादी ढांचे पर हमला किया।

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धनखड़ ने भारत के खिलाफ काम कर रही शक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत के उत्थान के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाने की आवश्यकता होगी, क्योंकि ऐसी ताकतें हैं जो हमारे लिए मुश्किल खड़ी करने पर तुली हुई हैं। देश के भीतर और बाहर ऐसी ताकतें हैं। ये बुरी ताकतें हमें भाषा जैसे मुद्दों पर भी बांटकर हमला करना चाहती हैं।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश भारत जैसी भाषाई समृद्धि का दावा नहीं कर सकता।

धनखड़ ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि भारत के अंदर कोई दुश्मन नहीं है, बल्कि बाहर दुश्मन हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत के अंदर दुश्मनों की संख्या कम है, जो भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली बाहरी ताकतों से जुड़े हैं।

इस कार्यक्रम में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और मनीष तिवारी भी मौजूद रहे।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत


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