आबकारी ‘घोटाला’ : उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में कारोबारी अरुण पिल्लई को जमानत दी

आबकारी ‘घोटाला’ : उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में कारोबारी अरुण पिल्लई को जमानत दी

आबकारी ‘घोटाला’ : उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में कारोबारी अरुण पिल्लई को जमानत दी
Modified Date: September 11, 2024 / 05:35 pm IST
Published Date: September 11, 2024 5:35 pm IST

नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने राहत देते हुए कहा, ‘‘जमानत मंजूर की जाती है।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में पिल्लई को छह मार्च को गिरफ्तार किया था।

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ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया गया।

ईडी ने दावा किया है कि पिल्लई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के करीबी सहयोगी थे, जो मामले में आरोपी हैं। ईडी ने दावा किया है कि जब आबकारी नीति तैयार और लागू की जा रही थी, तब पिल्लई ने अन्य आरोपियों के साथ बैठकों में ‘‘साउथ ग्रुप’’ का प्रतिनिधित्व किया था।

‘‘साउथ ग्रुप’’ कथित रूप से शराब व्यवसायियों और राजनेताओं का एक समूह है, जिनपर आबकारी नीति से लाभ लेने के लिए दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।

भाषा शफीक सुरेश

सुरेश


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