नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में केवल 52 होटलों और 38 क्लबों के पास ही अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) से यह जानकारी मिली है।
गोवा में एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना में 25 लोगों की मौत के बाद सघन जांच और गोवा पुलिस की कार्रवाई के बीच ये आंकड़े महत्वपूर्ण हो गए हैं।
रेस्तरां एसोसिएशन से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ये आंकड़े दिल्ली में आतिथ्य क्षेत्र के असंगठित और अनियमित होने को दर्शाते हैं।
उन्होंने दावा किया कि राजधानी में 50,000 से अधिक रेस्तरां, 5,000 से अधिक होटल और 1,000 से अधिक नाइट क्लब हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ने ही अग्नि सुरक्षा प्रमाणन प्राप्त किया है।
सूत्र ने कहा, ‘शराब परोसने वाले रेस्तरां को आबकारी प्रमाणपत्र, अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र और एफएसएसएआई परमिट की आवश्यकता होती है। लेकिन यह क्षेत्र बहुत असंगठित है, और कई होटल, रेस्तरां और क्लब अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं करते हैं या इसके लिए आवेदन भी नहीं करते हैं।’
उन्होंने कहा कि डीएफएस के पास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक न्यूनतम क्षेत्र के संबंध में विशिष्ट मानदंड हैं।
सूत्र ने कहा, ‘त्रासदी कहीं भी हो सकती है और होटल, नाइट क्लब और रेस्तरां मालिकों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे सभी अग्नि-शमन उपकरणों को क्रियाशील और अद्यतन रखें। यह बहुत ही अजीब बात है कि दिल्ली जैसे शहर में केवल 52 होटलों और 38 क्लबों के पास ही वैध अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र हैं।’
डीएफएस के एक अधिकारी ने बताया कि अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र 90 वर्ग मीटर और उससे अधिक क्षेत्रफल वाले रेस्तरां को जारी किए जाते हैं।
दिल्ली में क्रिसमस और नए साल के अवसर पर भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए शहर की पुलिस ने पार्टी स्थलों पर कड़ी सतर्कता बरतने की घोषणा की है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्लबों, बारों, रेस्तरां और कार्यक्रम स्थलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अग्नि सुरक्षा अनुपालन की समीक्षा करें, सुनिश्चित करें कि अग्निशामक यंत्र कार्यशील हों, निकास मार्ग अवरुद्ध न हों, तथा इलेक्ट्रिकल बोर्ड की कड़ी निगरानी रखी जाए।
भाषा नोमान दिलीप
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