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नई दिल्लीः SarkarOnIBC24 पहलगाम के बाद देश गुस्से से उबल रहा है। सबके मन में गुस्सा है, दुख है लेकिन क्या इस आक्रोश में होश खोना ठीक है? क्या इस आक्रोश में अपना ही देश-समाज और सौहार्द बिगाड़ना समझदारी है? आखिर ये सवाल क्यों उठ रहे हैं, चलिए जानते हैंः-
SarkarOnIBC24 पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आई तस्वीरों से पूरे देश में आक्रोश है। आतंकियों ने जिस तरह धर्म और नाम पूछ-पूछकर हिंदू पर्यटकों को गोली मारी। उसके बाद पूरा देश गुस्से में है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कैंडल मार्च निकालकर आतंकियों और उनके आका को जल्द सजा देने की मांग की है। इस बीच अब महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने भी हिंदुओं को धर्म पूछकर खरीदारी करने की सलाह दी है।
नितेश राणे का ये विवादित बयान पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आया है। रत्नागिरी जिले के दापोली शहर में एक सभा को संबोधित करते हुए राणे ने कहा कि आतंकियों ने मारने से पहले हमारा धर्म पूछा। इसलिए हिंदुओं को भी कुछ खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए। नितेश राणे के इस बयान पर सपा ने तंज कसा कि मंत्रीजी भी आतंकियों की भाषा बोल रहे .. तो बीजेपी ने खुद को इससे किनारा कर लिया। पहलगाम अटैक के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है। राजनयिक संबंधों में भी कटौती कर दी। विपक्ष भी मोदी सरकार के हर फैसले पर साथ देने का भरोसा दे रहा है। ऐसे में नितेश राणे का पहले धर्म पूछो, फिर खरीदों वाला बयान देश में फिर हिंदू बनाम मुसलमान की सियासत को तेज करेगा।