Prajwal Revanna: पूर्व प्रधानमंत्री के पोते को उम्र कैद की सजा, रेप और अश्लील सीडी के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला
Prajwal Revanna sentenced to life imprisonment: कोर्ट ने बलात्कार, यौन शोषण, धमकी और डिजिटल अपराधों के गंभीर मामले में पूर्व सांसद को बीते दिन ही दोषी करार दिया था। अब कोर्ट ने दो मामलों में आजीवन कारावास के साथ ही अन्य मामलों में कुल मिलाकर 11 लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश सुनाया है।
Prajwal Revanna sentenced to life imprisonment, image source: ITG
- जांच टीम ने जुटाए 100 से अधिक सबूत
- सात महीनों में ट्रायल पूरा
- घर में काम करने वाली के साथ रेप का आरोप
बेंगलुरु: Prajwal Revanna sentenced to life imprisonment, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और पूर्व हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना को महिला से बलात्कार के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी है। कोर्ट ने बलात्कार, यौन शोषण, धमकी और डिजिटल अपराधों के गंभीर मामले में पूर्व सांसद को बीते दिन ही दोषी करार दिया था। अब कोर्ट ने दो मामलों में आजीवन कारावास के साथ ही अन्य मामलों में कुल मिलाकर 11 लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश सुनाया है।
पूर्व सांसद पर आरोप था कि उसने घरेलू सहायिका के साथ एक नहीं बल्कि दो बार रेप किया। प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में साड़ी को कोर्ट में पेश किया गया था। वहीं पीड़िता ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और उसके पास वह साड़ी भी मौजूद थी, जिसे उसने सबूत के तौर पर संभाल कर रखा था। जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के चिन्ह पाए गए, जिससे यह मामला मजबूत हो गया और कोर्ट ने इस साड़ी को निर्णायक सबूत मानते हुए सजा सुना दी है।
जांच टीम ने जुटाए 100 से अधिक सबूत
Prajwal Revanna sentenced to life imprisonment , पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। कोर्ट ने अब सजा की अवधि पर भी फैसला सुना दिया है।
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार का यह मामला मैसूरु के केआर नगर की एक घरेलू सहायिका की शिकायत पर सीआईडी साइबर क्राइम थाने में दर्ज किया गया था। आरोपों के अनुसार पूर्व सांसद ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया और उस कृत्य का वीडियो भी रिकॉर्ड किया। मामले की जांच सीआईडी के विशेष जांच दल (SIT) ने की, जिसने करीब 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जांच के दौरान टीम ने कुल 123 सबूत भी जुटाए थे।
सात महीनों में ट्रायल पूरा
इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर 2024 को प्रारंभ हुई थी, जिसमें अदालत ने 23 गवाहों के बयान दर्ज किए। इसके अलावा कोर्ट ने वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट और घटनास्थल की निरीक्षण रिपोर्टों की भी समीक्षा की। ट्रायल मात्र सात महीनों में पूरा हो गया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज सुना दिया गया है।

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