नींव से लेकर राम मंदिर के शीर्ष पर ध्वज फहराने तक ये 10 लोग तय करेंगे हर कार्यक्रम, देखें कैसे बने आम से खास | From the foundation to the hoisting of the flag at the top of the Ram temple, these 10 people will decide every event See how special made from mango

नींव से लेकर राम मंदिर के शीर्ष पर ध्वज फहराने तक ये 10 लोग तय करेंगे हर कार्यक्रम, देखें कैसे बने आम से खास

नींव से लेकर राम मंदिर के शीर्ष पर ध्वज फहराने तक ये 10 लोग तय करेंगे हर कार्यक्रम, देखें कैसे बने आम से खास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : August 5, 2020/2:57 am IST

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। बीजेपी राज में राममंदिर बनने का सपना साकार हो रहा है। राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद प्रमुख लोगों को हमने चिन्हित किया है,जिनके कंधों पर विशाल राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी है। राम रथ को खींचकर जन्ममस्थान तक लाने वाले सारथियों की बात करते हैं। जिन पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम पूरा कराने की जिम्मेदारी है। अयोध्या के राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में साधु-संतों, धर्मगुरुओं, नौकरशाहों के अलावा विधि के क्षेत्र के कुल 10 सदस्यों को शामिल किया गया है। जिनके कंधे पर राम मंदिर के निर्माण के काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी है। कौन हैं ये दस सारथी, आइए देखते हैं।

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1 महंत नृत्य गोपाल दास
महंत नृत्य गोपाल दास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष को बनाया गया है। अयोध्या आंदोलन में लंबे समय तक सक्रिय भूमिका निभाने वाले महंत नृत्य गोपाल दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में से एक हैं। खास बात ये है कि नृत्य गोपाल दास बाबरी विध्वंस मामले के आरोपी भी हैं और लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष होने के नाते उन पर ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

2 चंपत राय
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े चंपत राय को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया है। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय लंबे वक्त तक राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। चंपत राय के खिलाफ भी लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में एक मामला लंबित है। ट्रस्ट का महासचिव होने के नाते चंपत राय पर निर्माण की महती जिम्मेदारी है।

3 नृपेंद्र मिश्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे वरिष्ठ आईएएस अफसर नृपेंद्र मिश्र मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष रूप में ट्रस्ट में शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी अफसर नृपेंद्र मिश्र ने पीएमओ की नौकरी के बाद अब ट्रस्ट का कामकाज संभाला है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद नृपेंद्र मिश्र प्रशासनिक सेवा के दौरान कई वरिष्ठ पदों पर रहे हैं और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष होने के नाते उन पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है।

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4 के. पराशरण
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो वरिष्ठ वकील के. पराशरण ने ही हिंदुओं की ओर से पैरवी की। वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। पद्म पुरस्कारों से सम्मानित के. पराशरण भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल भी रह चुके हैं। जिनकी जिम्मेदारी राम मंदिर निर्माण में बहुत अहम है।

5 विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र

बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या राज परिवार के सदस्य हैं और आज भी वे लोगों के बीच राजा हैं। उन्हें भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। विमलेंद्र मोहन प्रताप सिंह अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य भी हैं और 2009 में फैजाबाद संसदीय सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र पर भी मंदिर निर्माण की महती जिम्मेदारी है।

6 डॉ. अनिल कुमार मिश्र
पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र फैजाबाद के ही हैं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान पहले वे विनय कटियार के साथ और फिर बाद में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े। फिलहाल वे आरएसएस के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह हैं और यूपी होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार भी हैं। जिनके कंधे पर राम मंदिर निर्माण की महती जिम्मेदारी है।

7 महंत दिनेंद्र दास

महंत दिनेंद्र दास अयोध्या के निर्मोही अखाड़ा के महंत हैं। 10 साल की उम्र में ही इन्हें मठिया के आश्रम के महंत बनकर साधु परंपरा में शामिल हो गए। 1992 में निर्मोही अखाड़ा के नागा बने। इसके बाद 1993 में पंच और उपसरपंच बनाए गए। 2017 में महंत भास्कर दास के निधन के बाद 2017 में निर्मोही अखाड़ा के महंत बने। जिनकी भूमिका राम मंदिर निर्माण में बहुत अहम होगी।

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8.कामेश्वर चौपाल
कामेश्वर चौपाल को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दलित सदस्य के रूप में जगह मिली है। 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का भी दर्जा दिया है। 1991 में वे राम विलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं।

9. अवनीश कुमार अवस्थी

योगी आदित्यनाथ सरकार के सबसे पावरफुल आईएएस अफसर अवनीश अवस्थी भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल हैं। अवनीश योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव और गृह सचिव के रूप में कामकाज संभाल रहे हैं। मूलत: कानपुर के रहने वाले अवनीश अयोध्या जिले के कलेक्टर भी रह चुके हैं और उनकी पत्नी मालिनी अवस्थी सुप्रसिद्ध लोक गायिका हैं। बतौर प्रशासनिक अफसर उनकी भूमिका राम मंदिर निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण होगी।

10. अनुज कुमार झा
अयोध्या के अभी कलेक्टर अनुज कुमार झा हैं। ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक पदेन कलेक्टर वे भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। मिथिला की धरती से ताल्लुक रखने वाले अनुज कुमार झा मूलत: बिहार के हैं। अयोध्या कलेक्टर के रुप में राम मंदिर निर्माण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी इन पर भी है।