नई दिल्ली: global Surya Namaskar आयुष मंत्रालय 14 जनवरी 2022 को (मकर संक्रांति के दिन सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश के मौके पर) वैश्विक स्तर पर 75 लाख लोगों के लिए एक वैश्विक सूर्य नमस्कार प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह अवसर स्वास्थ्य, धन और खुशी प्रदान करने के लिए ‘माँ प्रकृति’ को धन्यवाद देने का स्मरण कराता है। इस दिन सूर्य की प्रत्येक किरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए सूर्य को प्रणाम के रूप में ‘सूर्य नमस्कार’ की पेशकश की जाती है क्योंकि यह सभी जीवित प्राणियों का पोषण करता है।
global Surya Namaskar सूर्य ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में न केवल खाद्य-श्रृंखला की निरंतरता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मनुष्य के मन और शरीर को भी सक्रिय करता है। वैज्ञानिक रूप से, सूर्य नमस्कार को प्रतिरक्षा विकसित करने और जीवन शक्ति में सुधार करने के लिए जाना जाता है, जो महामारी की आज की इस स्थिति में हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य के संपर्क में आने से मानव शरीर को विटामिन डी मिलता है, जिसे दुनिया भर की सभी चिकित्सा शाखाओं में व्यापक रूप से मान्यता मिली है।
सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य इसके जरिए जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है। आज की दुनिया में जहां जलवायु जागरूकता जरूरी है वहीं, दैनिक जीवन में सौर ई-ऊर्जा (हरित ऊर्जा) के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी जिससे पृथ्वी को खतरा है।
इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा। सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए गए 8 आसनों का एक समूह है। इसे ज्यादातर सुबह सवेरे किया जाता है।
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