नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवशाली योगदान को पाठ्यपुस्तकों में व्यापक रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि शिवाजी का अनुकरणीय जीवन और विरासत वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और इसे पाठ्यपुस्तकों में उचित स्थान मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे के साथ एक बैठक के बाद प्रधान ने स्वंय यह जानकारी साझा की।
प्रधान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के विभिन्न पहलुओं और इसके कार्यान्वयन पर विशेष रूप से महाराष्ट्र में स्कूली शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ युवा बच्चों को उनकी पूर्ण विकास क्षमता हासिल कराने में मदद करने के तरीकों पर सार्थक चर्चा हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री को बताया कि मैंने एनसीईआरटी को निर्देश दिया है कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवशाली पराक्रम और अद्वितीय योगदान को पाठ्यपुस्तकों में व्यापक रूप से शामिल करे। उनका अनुकरणीय जीवन और विरासत वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और इसे हमारी पाठ्यपुस्तकों में उचित स्थान मिलना चाहिए।’’
भाषा प्रीति रंजन
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