गो फर्स्ट के पट्टेदारों की याचिका को डीजीसीए पोर्टल पर गड़बड़ी के कारण ‘खारिज’ दिखाया गया

गो फर्स्ट के पट्टेदारों की याचिका को डीजीसीए पोर्टल पर गड़बड़ी के कारण ‘खारिज’ दिखाया गया

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  • Publish Date - May 31, 2023 / 08:21 PM IST,
    Updated On - May 31, 2023 / 08:21 PM IST

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसके पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी के कारण गो फर्स्ट के कई विमान पट्टेदारों के विमानों का पंजीकरण रद्द करने के आवेदनों को ‘अस्वीकृत’ के तौर पर दिखाया गया था।

उड्डयन नियामक ने कहा कि दिवाला समाधान की कार्यवाही के मद्देनजर वित्तीय दायित्वों पर रोक और संकटग्रस्त एयरलाइन की संपत्ति के हस्तांतरण के बाद वह इस तरह के अनुरोधों को संसाधित नहीं कर रहा था।

अधिस्थगन के कारण पट्टेदार वाहक को पट्टे पर दिए गए विमान का पंजीकरण रद्द करने और उसे वापस लेने में असमर्थ हैं।

न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने डीजीसीए के वकील से पूछा कि कब्जे के अनुरोध पर अलग-अलग पट्टेदारों को अलग-अलग प्रतिक्रियाएं क्यों भेजी गईं।

अदालत ने पूछा, “भेद क्यों है? 7-8 याचिकाएं हैं और उनमें से हर एक का अलग-अलग जवाब है। ऐसा क्यों?”

अदालत ने डीजीसीए के वकील से बृहस्पतिवार को प्रत्येक याचिकाकर्ता पट्टेदार के संबंध में दस्तावेज पेश करने को कहा। अदालत कल विमानन नियामक की ओर से आगे की दलीलें सुनेगी।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश