Private school teachers get gratuity: खुशखबरी! अब निजी स्कूल के शिक्षकों को भी मिलेगी ग्रेच्युटी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

पीठ ने निजी स्कूलों को 6 हफ्ते में अधिनियम के तहत कर्मचारियों/ शिक्षकों को ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश जारी किया है।

Private school teachers get gratuity: खुशखबरी! अब निजी स्कूल के शिक्षकों को भी मिलेगी ग्रेच्युटी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: September 1, 2022 9:24 am IST

private school teachers get gratuity: नई दिल्लीः निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए गुड न्यूज आई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे शिक्षकों को छह सप्ताह के भीतर 3 अप्रैल 1997 से पहले की सेवा के लिए ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करें। इस मामले में मंगलवार, 30 अगस्त को आए फैसले में अदालत ने कर्मचारी के दायरे में शिक्षकों सहित ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में संसद के संशोधन की वैधता को सही ठहराया और निजी स्कूलों के लिए पात्र लोगों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद निजी प्राथमिक शिक्षक संघ से संबंधित मामले में कानून संबंधी दोष का हवाला देते हुए यह आदेश दिया। पीठ ने निजी स्कूलों को 6 हफ्ते में अधिनियम के तहत कर्मचारियों/ शिक्षकों को ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश जारी किया है। बता दें कि इंडिपेंडेंट स्कूल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है।

read more:  18 जातियां अनुसूचित जाति की सूची से बाहर, हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, नोटिफिकेशन रद्द

 ⁠

निजी स्कूलों और उनसे जुड़ी संस्थाओं से संशोधन की चुनौती को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी के लिए ग्रेच्युटी उसके द्वारा दी जा रही सेवाओं की न्यूनतम शर्तों में से एक है। बता दें कि इससे पहले कुछ निजी स्कूलों का दावा था कि पीएजी अधिनियम की धारा 2 (ई) में के तहत शैक्षणिक संस्थानों या स्कूलों में जो शिक्षक कार्य कर रहे हैं वो कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं। अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

private school teachers get gratuity: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी/शिक्षक पीएजी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अपना भुगतान पाने के लिए अपने सही फोरम का इस्तेमाल कर सकते हैं। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि निजी स्कूलों का यह कहना कि उनकी क्षमता ग्रेच्युटी देने की नहीं है, तो यह अनुचित है। पीएजी अधिनियम सहित अन्य कानूनों का पालन करने के लिए सभी प्रतिष्ठान बाध्यकारी हैं।

read more: तीज के दिन पति की लंबी उम्र की प्रार्थना कर रही थी पत्नी, फिर हैवान ने किया कुछ ऐसा कि कांप उठी सबकी रूह

बता दें कि इससे पहले प्राइवेट स्कूलों ने ग्रेच्युटी न देने को लेकर कई उच्च न्यायालयों में अपील की थी। उन्हें दिल्ली, पंजाब और हरियाणा, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बॉम्बे और गुजरात हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद स्कूलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर अलग से चुनौती दी गई थी, लेकिन यहां भी फैसला उनके पक्ष में नहीं आया।

5 साल नौकरी पर मिलती है ग्रेच्यूटी

पीएजी अधिनियम 16 ​​सितंबर, 1972 के अनुसार इसका लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है जिसने अपनी सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या किसी भी कारण से संस्थान छोड़ने से पहले वहां कम से कम 5 साल तक निरंतर नौकरी की है। 3 अप्रैल, 1997 को श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के जरिए इस अधिनियम को दस या उससे अधिक कर्मचारियों वाले शैक्षणिक संस्थानों पर भी अमल में लाया गया था। ऐसे में ये अधिनियम निजी स्कूलों पर भी लागू होते हैं।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com