मुंबईः Decided to waive the loans of farmers महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने भूमि विकास बैंक से लोन लेने वाले किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले के बाद 34,788 किसानों के 964.15 करोड़ रुपए का कर्ज माफ होगा। राज्य के बजट में बताया गया है कि 275 करोड़ 40 लाख रुपए की रकम का उपयोग भूमि विकास बैंक कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए किया जाएगा। भविष्य में सरकारी योजनाओं के लिए भूमि विकास बैंकों की जमीन और भवनों का उपयोग किया जाएगा।
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Decided to waive the loans of farmers वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट पेश करते हुए किसानों के लिए और भी कई फैसलों की जानकारी दी। पवार ने कहा कि 6 मार्च, 2020 को अपने पहले के बजट भाषण में मैंने नियमित रूप से अपना फसली लोन चुकाने वाले किसानों को 50,000 रुपए का इंसेंटिव देने की घोषणा की थी। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इस राशि का वितरण नहीं हो सका था। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इस राशि का वितरण नहीं हो सका था।
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20 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
बहरहाल, आज मुझे खुशी है कि किसानों से किया गया वादा आगामी वित्तीय वर्ष में पूरा हो रहा है। मैं उन किसानों को धन्यवाद और सराहना करता हूं जो नियमित रूप से अपना ऋण चुकाते हैं। उन्हें यह रकम मिलेगी। इस अनुदान से लगभग 20 लाख किसानों को लाभ होगा। इस पर वर्ष 2022-23 में 10,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
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शून्य प्रतिशत ब्याज पर भी मिलेगा लोन
वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि 2021-22 के बजट में मैंने 2021 के खरीफ सीजन से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की घोषणा की थी। इस योजना के परिणामस्वरूप, फसल ऋण वितरण बढ़कर फरवरी 2022 के अंत तक 41,055 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। वर्ष 2022-23 में 43।12 लाख किसानों को 911 करोड़ रुपए शून्य प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
फसल बीमा पर केंद्र सरकार को दी चेतावनी
महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को चेतावनी दी है कि वो फसल बीमा योजना में बदलाव करे वरना राज्य सरकार इससे बाहर हो सकती है। वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि गुजरात और कुछ अन्य राज्य पहले ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) से बाहर हो चुके हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार प्रधानमंत्री से योजना में संशोधन की मांग की है। अगर इसे स्वीकार नहीं किया जाता है, तो मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि हम किसानों को मुआवजा देने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।