Govt Employees Latest News: सरकार के इस आदेश से टेंशन में कर्मचारी! निकाले जा सकते हैं नौकरी से, इस वजह से हो सकता है एक्शन

सरकार के इस आदेश से टेंशन में कर्मचारी! निकाले जा सकते हैं नौकरी से, Government employees will be dismissed from their jobs

Govt Employees Latest News: सरकार के इस आदेश से टेंशन में कर्मचारी! निकाले जा सकते हैं नौकरी से, इस वजह से हो सकता है एक्शन

Government Employees will be dismissed. Image Source- IBC24

Modified Date: December 17, 2025 / 04:59 pm IST
Published Date: December 17, 2025 4:58 pm IST
HIGHLIGHTS
  • राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, दिव्यांग कर्मचारियों की दोबारा मेडिकल जांच
  • 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर अनिश्चितता
  • मेडिकल रिपोर्ट में 40% से कम दिव्यांगता आने पर सेवा पर संकट

जयपुर Government Employees will be dismissed सरकार के एक हालिया फैसले ने प्रदेश के हजारों दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्त कार्मिकों की दोबारा मेडिकल जांच कराने के निर्देश के बाद सरकारी महकमे में हलचल तेज हो गई है। इस आदेश से 15 हजार से ज्यादा दिव्यांग कार्मिकों की नौकरी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। दरअसल, सरकारी भर्तियों में दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से जुड़े फर्जी मामलों के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सख्ती बरतते हुए सभी विभागों को पुनः दिव्यांगता परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत न केवल हाल में नियुक्त कर्मचारियों, बल्कि कई ऐसे कार्मिक भी मेडिकल बोर्ड के सामने पेश हो रहे हैं, जिन्हें 10, 20 या फिर 30 साल पहले नौकरी मिली थी।

जांच में सामने आई ये अहम जानकारी

Government Employees will be dismissed: मेडिकल जांच के दौरान कई जिलों में यह तथ्य सामने आया है कि पहले 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कुछ कर्मचारियों की वर्तमान रिपोर्ट में प्रतिशत कम दर्ज हो रहा है। कई मामलों में 5 से 7 प्रतिशत तक का अंतर पाया गया है। यह अंतर इसलिए गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि सरकारी सेवा में दिव्यांग कोटे का लाभ लेने के लिए 40 प्रतिशत दिव्यांगता अनिवार्य शर्त है। विभागीय स्तर पर यह भी आकलन किया जा रहा है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी इसी सीमा के आसपास आते हैं, जिससे उनकी सेवा पर खतरा मंडरा सकता है।

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दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों में रोष

सरकार के इस निर्णय को लेकर दिव्यांग कार्मिकों में नाराजगी साफ नजर आ रही है। उनका कहना है कि वर्षों तक नियमित सेवा देने के बाद अब उनकी दिव्यांगता पर सवाल उठाना उचित नहीं है। कर्मचारियों का तर्क है कि सरकार को वास्तविक फर्जीवाड़े करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, न कि ईमानदारी से सेवा दे रहे कर्मचारियों को मानसिक तनाव में डालना चाहिए। फिलहाल, प्रदेशभर में मेडिकल जांच की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसके संभावित परिणामों को लेकर दिव्यांग कार्मिकों के बीच असमंजस और चिंता का माहौल बना हुआ है।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।