घने कोहरे के कारण उप्र में जनजीवन प्रभावित, अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी

घने कोहरे के कारण उप्र में जनजीवन प्रभावित, अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी

घने कोहरे के कारण उप्र में जनजीवन प्रभावित, अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी
Modified Date: December 17, 2025 / 12:59 am IST
Published Date: December 17, 2025 12:59 am IST

लखनऊ, 16 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में घने कोहरे और बढ़ती सर्दी ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया और कई क्षेत्रों में दृश्यता में भारी गिरावट आने से आगरा में ताजमहल जैसे स्थल धुंधले दिखाई दिए। वहीं, भगवान राम की नगरी अयोध्या में सुबह के समय तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई।

आगरा में निवासियों ने बताया कि सुबह कई घंटों तक ताजमहल घने कोहरे से ढका रहा, जिससे आगंतुक निराश हुए। एक स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, ‘कोहरे के कारण आज ताजमहल भी दिखाई नहीं दिया, जबकि आमतौर पर यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।’

मनोज नाम के एक आगंतुक ने बताया कि सुबह के समय दृश्य स्पष्ट नहीं था, हालांकि दोपहर होते-होते कोहरा छंटने के साथ ही स्मारक की आकृति धीरे-धीरे दिखाई देने लगी।

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अयोध्या में मंदिर के कर्मचारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण मंगलवार को श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई। मंदिर के एक कर्मचारी ने बताया कि सामान्य दिनों की तुलना में कम श्रद्धालु दिखाई दिए।

एक श्रद्धालु अभिषेक गुप्ता ने सुझाव दिया कि ठंड से राहत पाने के लिए सड़कों के किनारे नियमित अंतराल पर अलाव जलाए जाने चाहिए। इस बीच, स्थानीय दुकानदार दीपक चौरसिया ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ठंड बढ़ गई है, जिससे दैनिक कारोबार और श्रद्धालुओं की संख्या दोनों प्रभावित हुई हैं।

मौसम की वजह से राज्य की राजधानी लखनऊ में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लखनऊ हवाई अड्डे से कई उड़ानें देरी से चल रही थीं और सड़क यातायात भी धीमा हो गया था।

कई लोगों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दृश्यता 100 मीटर से भी कम थी और वाहन 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से गाड़ी नहीं चला सके।’’

प्रयागराज से सटे कौशांबी जिले में भी कोहरे के कारण स्थानीय सड़कों और राजमार्गों पर यातायात धीमा हो गया, जहां वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए। बरेली के निवासी विनोद कुमार ने बताया कि कम दृश्यता के कारण यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रयागराज और वाराणसी में, निवासियों को कई स्थानों पर अलाव जलाते देखा गया। सुबह जल्दी काम शुरू करने वाले सफाईकर्मी भी अलाव के पास बैठकर खुद को गर्म कर रहे थे।

वाराणसी के एक सफाईकर्मी मनोज ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि वे अपना काम जारी रखने के लिए अलाव पर निर्भर हैं। एक अन्य कर्मचारी सुशील कुमार ने बताया कि ठंड से बचने के लिए उन्होंने अतिरिक्त कपड़े पहनने शुरू कर दिये हैं।

प्रयागराज के एक ई-रिक्शा चालक सोनू ने बताया कि सुबह दृश्यता इतनी कम थी कि आगे के वाहन भी मुश्किल से दिखाई दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘मुझे पार्किंग लाइट जलाकर बहुत धीरे-धीरे गाड़ी चलानी पड़ी।’ यमुना पुल के पास सुबह की सैर पर निकले शहर के निवासी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि कोहरे के कारण दृश्यता कम थी, लेकिन एक बार मौसम के अनुकूल हो जाने पर उसमें एक सुखद एहसास भी था।

एक अन्य निवासी अल्पिका ने बताया कि ठंड सामान्य से काफी अधिक थी और इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से हो सकता है।

इटावा में निवासियों ने बताया कि कोहरे से कार्यालय जाने वाले और स्कूली बच्चे प्रभावित हुए। संतोष वर्मा ने कहा कि कार्यालय और स्कूल के समय में कुछ ढील देने से लोगों को स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।

कोहरे का असर सड़क सुरक्षा पर भी पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य भर में पांच बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 25 लोगों की मौत हो गई और सौ से अधिक लोग घायल हो गए। ये घटनाएं मथुरा, बस्ती, बाराबंकी, मेरठ और उन्नाव जिलों से सामने आईं। इनमें सबसे ज्यादा मौतें मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर कई वाहनों की टक्कर में हुईं।

इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में घना से बहुत घना कोहरा छाया रहा और चेतावनी दी कि कई स्थानों पर बुधवार सुबह तक कम दृश्यता बनी रहने की संभावना है।

भाषा सं किशोर आनन्द शफीक

शफीक


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