राज्यपाल ने लौटा दिया आरक्षण संशोधन विधेयक, नहीं लागू होगा आरक्षण? सरकार के पास क्या है विकल्प?

राज्यपाल ने लौटा दिया आरक्षण संशोधन विधेयक, नहीं लागू होगा आरक्षण? सरकार के पास क्या है विकल्प?!CG me laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan?

राज्यपाल ने लौटा दिया आरक्षण संशोधन विधेयक, नहीं लागू होगा आरक्षण? सरकार के पास क्या है विकल्प?

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Modified Date: April 22, 2023 / 02:11 pm IST
Published Date: April 22, 2023 2:11 pm IST

रांची: CG me laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan? झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को बीते बुधवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा से पारित ओबीसी आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने से इंकार करते हुए लौटा दिया है। बता दें कि इस बिल में सरकार ने ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। एसटी आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया था। एससी के लिए इसमें 10 फीसदी के मुकाबले 12 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी।

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CG me laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan? वहीं ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। इस प्रकार, इस बिल के जरिए राज्य की सरकारी नौकरियों में कुल आरक्षण 77 फीसदी कर दिया गया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भी आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने ने हस्ताक्षर नहीं किया है। यहां सरकार ने विधानसभा से 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पास किया है।

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मिली जानकारी के अनुसार महान्यायवादी से मांगी गई कानूनी राय के आधार पर ही राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ओबीसी आरक्षण बिल को वापस लौटा दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने इसे कानूनी राय के लिए अटॉर्नी जनरल के पास भेजा था। अटॉर्नी जनरल की राय थी कि यह बिल आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के मुताबिक नहीं है। इसे ही ध्यान में रखते हुए इसे राजभवन के पास भेजा गया।

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अब सरकार के पास क्या है विकल्प

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की ओर से आरक्षण संशोधन विधेयक को वापस लौटाने के बाद अब सरकार के पास ये विकल्प है कि फिर से विधानसभा सत्र बुलाकर प्रस्ताव को पास कराया जा सकता है। लेकिन इस बार राज्यपाल इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य होंगे और फिर ये कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। अब ये सरकार पर निर्भर करता है कि विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संशोधन विधेयक को फिर से पास कराया जाएगा या मानसून सत्र के दौरान इसे सदन में पास कराया जाएगा।

 

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