जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राष्ट्रपति शासन, अब तक 11 बार चुनाव

जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राष्ट्रपति शासन, अब तक 11 बार चुनाव

जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राष्ट्रपति शासन, अब तक 11 बार चुनाव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: June 20, 2018 10:22 am IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी‌) और भाजपा की गठबंधन सरकार गिरने के 24 घंटे के भीतर राज्यपाल शासन लगा दिया गया।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार सुबह इसे मंजूरी दे दी। इससे पहले राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्यपाल शासन लगाने के लिए रिपोर्ट भेजी थी। वोहरा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। लेकिन बताया जा रहा है कि वे अमरनाथ यात्रा खत्म होने तक राज्यपाल बने रह सकते हैं। अमरनाथ यात्रा 28 जून से 26 अगस्त तक चलेगी। 

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राज्य में पिछले 10 साल में यह चौथी बार राष्ट्रपति शासन लगा है। भाजपा ने मंगलवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से गठबंधन तोड़कर महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।  उधर, राम माधव ने कहा के घाटी में आतंकवाद, कट्टरपंथ, हिंसा बढ़ रही है। ऐसे माहौल में सरकार में रहना मुश्किल था। रमजान के दौरान केंद्र ने शांति के मकसद से ऑपरेशंस रुकवाए। लेकिन बदले में शांति नहीं मिली। जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के बीच सरकार के भेदभाव के कारण भी हम गठबंधन में नहीं रह सकते थे। 

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जम्मू-कश्मीर में अब तक 11 चुनाव हुए।  राज्य ने 8 बार राज्यपाल शासन देखा है। पहली बार 1957 में चुनाव हुए थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को 75 में 68 सीट मिली। बख्शी गुलाम मो. वजीर-ए-आजम बने। 62 में भी नेकां जीती। 1967-72 में कांग्रेस जीती। 1975 में इंदिरा का नेकां के शेख अब्दुल्ला से करार हुआ। कांग्रेस के मीर कासिम ने अब्दुल्ला के लिए कुर्सी छोड़ दी। 1977 में कांग्रेस ने समर्थन वापस लेकर अब्दुल्ला सरकार गिराई। पहली बार राज्यपाल शासन लगा। 1977 के चुनावों में नेकां जीती और शेख अब्दुल्ला दोबारा मुख्यमंत्री बनाए गए। 1982 में शेख अब्दुल्ला के निधन पर बेटे फारूक अब्दुल्ला सीएम बने। कांग्रेस की मदद से अब्दुल्ला के बहनोई गुलाम शाह ने सरकार गिरा दी। शाह दो साल सीएम रहे। 6 मार्च, 1986 से 7 नवंबर, 1986 तक राष्ट्रपति शासन रहा।

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इसके बाद 1986 में हुए चुनावों में फिर नेकां जीती और फारूख सीएम बने। 1990 में जगमोहन को राज्यपाल बनाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया। 1996 तक राज्यपाल शासन रहा। 1996 के चुनाव में फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस को सफलता मिली। फारूख तीसरी बार सीएम बने।

साल 2002 चुनाव में कांग्रेस-पीडीपी की सरकार बनी। मुफ्ती सईद सीएम बने। 3 साल के बाद कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद सीएम बने। पीडीपी ने सरकार गिरा दी। 2008 में हुए चुनावों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। नेकां-कांग्रेस की सरकार बनी। उमर अब्दुल्ला सीएम बने। 2014 में चुनाव हुए। 2015 में भाजपा-पीडीपी में गठबंधन। पीडीपी के मुफ्ती सईद फिर सीएम बने। उनके निधन के बाद महबूबा राज्य की पहली महिला सीएम बनी।

वेब डेस्क, IBC24


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