‘सीआईएमएमवाईटी’ के वित्तपोषण की कमी को पूरा करे भारत सरकार : रमेश

‘सीआईएमएमवाईटी’ के वित्तपोषण की कमी को पूरा करे भारत सरकार : रमेश

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  • Publish Date - July 11, 2025 / 06:52 PM IST,
    Updated On - July 11, 2025 / 06:52 PM IST

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि भारत में हरित क्रांति को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र’ (सीआईएमएमवाईटी) के वित्तपोषण की कमी को पूरा करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना न केवल राष्ट्रीय हित में होगा, बल्कि ‘ग्लोबल साउथ’ के उद्देश्य को भी आगे बढ़ाएगा।

सीआईएमएमवाईटी मेक्सिको स्थित एक गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठन है। यह मक्का और गेहूं की पैदावार बढ़ाने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

पूर्व पर्यावरण मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया कि सीआईएमएमवाईटी भारत सरकार और निजी क्षेत्र से संपर्क कर रहा है तथा दुनिया के एक चौथाई से अधिक फसली क्षेत्र को कवर करने वाले दो अनाजों में अपने अनुसंधान और विकास कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता मांग रहा है।

रमेश ने कहा, ‘‘सीआईएमएमवाईटी ने लंबे समय से भारत में हरित क्रांति को उत्प्रेरित करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस संस्थान ने 1960 के दशक के मध्य में गेहूं की दो किस्मों से भारतीय कृषि में बदलाव की शुरुआत की और ‘आईसीएआर’ वैज्ञानिकों को गेहूं की नयी किस्में विकसित करने के लिए सामग्री प्रदान की।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस संगठन के वित्तपोषण की कमी को पूरा करना चाहिए।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश

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