नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सदस्य के. सी. वेणुगोपाल ने त्योहारों के दौरान विमान किराये में बेतहाशा वृद्धि होने का मुद्दा उठाया और इस पर नियंत्रण के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग की।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘उड़ानों के परिचालन पर हर तरह के शुल्क आम आदमी से वसूल किये जा रहे हैं लेकिन इसे कौन घटायेगा। एटीएफ (विमान ईंधन) पर शुल्क कौन घटाएगा? क्या यह आम आदमी की जिम्मेदारी है।’’
वह सदन में गैर-सरकारी कामकाज के तहत कांग्रेस सदस्य शफी परम्बिल के ‘देश में हवाई यात्रा किराये के विनियमन के लिए उचित उपाय’ संबंधी निजी संकल्प पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि सरकार को इस बारे में सोचना होगा कि हम किराये में, विशेष रूप से त्योहारों के दौरान या आपात स्थिति में यात्रा के लिए इस तरह की अत्यधिक वृद्धि को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मैं समझ सकता हूं कि विमान किराये का नियमन मुश्किल काम है। लेकिन त्योहारों के समय में विमान किराये में इस तरह की अत्यधिक वृद्धि की स्थिति में सरकार पूरी तरह से असहाय नजर आती है। यह कैसे चलेगा? यह सदन, माननीय मंत्री से इस बारे में जानना चाहता है।’’
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के पास शक्ति है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास शुल्क नियमन की शक्ति है, बल्कि उसे निगरानी करने की शक्ति प्राप्त है।
वेणुगोपाल ने सवाल किया, ‘‘क्या ऐसा एक भी दृष्टांत है, जिसमें आपने सुव्यस्थित प्रणाली का उल्लंघन करने वाली एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई की हो? डीजीसीए के पास सीमित शक्तियां हैं, लेकिन क्या उन सीमित शक्तियों के दायरे में वे कार्रवाई कर सकते हैं कि नहीं, मैं यह जानना चाहता हूं।’’
उन्होंने विभिन्न हवाई अड्डों से परिचालित विमानों के किरायों में अत्यधिक विसंगितयां होने का उल्लेख करते हुए कहा कि कोच्चि से सउदी अरब के जेद्दा तक के लिए विमान किराया 60,000 रुपये है। जबकि कालीकट, कोच्चि की तुलना में जेद्दा के कहीं नजदीक है लेकिन यात्रियों को 1,40,000 रुपये किराया देना पड़ता है।
कांग्रेस सांसद ने सवाल किया, ‘‘इसका कारण क्या है? यह विसंगति क्यों है? मैं नहीं समझ पा रहा।’’
उन्होंने कहा कि विमान किराये के संदर्भ में आम आदमी के कल्याण के लिए कुछ कदम उठाये जाने की जरूरत है, जो आपात स्थिति में विभिन्न जगहों पर उड़ानों से जाते हैं।
भाषा
सुभाष अविनाश
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