विदेशी कर्ज और उस पर दिये जा रहे ब्याज के बारे में श्वेत पत्र लाये सरकार: भाकपा

विदेशी कर्ज और उस पर दिये जा रहे ब्याज के बारे में श्वेत पत्र लाये सरकार: भाकपा

विदेशी कर्ज और उस पर दिये जा रहे ब्याज के बारे में श्वेत पत्र लाये सरकार: भाकपा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: June 11, 2021 11:05 am IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार ‘अनजान’ ने केंद्र सरकार से देश पर विदेशी कर्ज और उसपर दिए जा रहे ब्याज पर श्वेत पत्र लाने की मांग करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार चाहे जिस पार्टी की रही हो, उद्योगपतियों को सरकारी बैंकों से कर्जा लेकर विदेश भागने से रोकने में नाकाम रही है।

‘अनजान’ ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘देश के राष्ट्रीयकृत बैंको को देश के उद्योगपतियों ने चूना लगाकर उन्हें तबाह करने की एक सुनिश्चित योजना बना रखी है। इसी योजना के तहत पिछले 20 वर्षों में इन बैंकों को कमजोर करने की निरंतर कोशिश होती रही है।’’

एक प्रेस विज्ञप्ति में भाकपा नेता यह भी दावा किया कि सरकार चाहे जिस पार्टी की रही हो, उद्योगपतियों को सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने से रोकने में नाकाम रही है।

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उन्होंने दावा किया सरकारी खज़ाने से बैंकों को चूना लगाकर विदेश भागने वाले उद्योगपतियों को देश वापस लाने की कोशिश में लगभग 200 करोड़ रुपये अदालतों में खर्च हो गए।

‘अनजान’ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को “बदनाम” और ‘‘बंद” करके इन बैंकों की साख खत्म करना चाहती है और कॉरपोरेट कंपनियों के निजी बैंकों को बढ़ावा देना चाहती है।

भाकपा नेता ने मांग की, “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक श्वेत पत्र जारी करके देश को बताना चाहिए कि जब वह (2014 में) प्रधानमंत्री बने थे तब देश पर कितना परदेसी कर्ज था और उस पर कितना ब्याज दिया जाता था। विगत सात वर्षों में उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देश पर कितना विदेशी कर्ज हो गया है और भारत कितना ब्याज प्रति वर्ष दे रहा है।”

उन्होंने यह भी मांग की, “ प्रधानमंत्री को बताना चाहिए पीएम केयर फंड में कितना पैसा आया और कहां खर्च हुआ।”

भाषा नोमान

नोमान माधव

माधव


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