अधिक राख वाले कोयले के उपयोग की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार जवाब दाखिल करे: एनजीटी

अधिक राख वाले कोयले के उपयोग की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार जवाब दाखिल करे: एनजीटी

अधिक राख वाले कोयले के उपयोग की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार जवाब दाखिल करे: एनजीटी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: September 10, 2020 12:37 pm IST

नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उस सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका का जवाब दे, जिसमें थर्मल विद्युत संयंत्रों में अधिक राख वाले कोयले के प्रयोग की अनुमति दी गई थी।

एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, कोयला एवं विद्युत मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि वह दो महीने के भीतर ईमेल के द्वारा अपना पक्ष स्पष्ट करें।

पीठ ने कहा, “आवेदनकर्ता पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, सीपीसीबी तथा कोयला और विद्युत मंत्रालयों को कागजात भेजे और एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करे।”

 ⁠

अधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई अगले साल आठ जनवरी तक के लिए टाल दी है।

अधिकरण, ‘से अर्थ’ नामक न्यास की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

न्यास ने 21 मार्च 2020 को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के विरुद्ध याचिका दायर की थी।

थर्मल विद्युत संयंत्रों में पहले जितनी राख वाले कोयले के प्रयोग की अनुमति थी, अधिसूचना में उससे अधिक राख वाले कोयले के प्रयोग की अनुमति दी गई थी।

मंत्रालय ने मई में निर्णय लिया था कि वह थर्मल विद्युत संयंत्रों में प्रयुक्त होने वाले कोयले में राख की मात्रा का नियमन नहीं करेगा।

भाषा यश दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में