during the wedding horse got angry
भरतपुर: Groom Demands This To Bride Before Wedding कहने को तो भारत में दहेज लेना ही नहीं देना भी अपराध है, लेकिन खुले तौर पर शादियों में लेन देन होता है। हालांकि अधिकतर जगहों पर पिता अपनी बेटी को दान दहेज देता हे, लेकिन भारत के कई राज्यों में दहेज मांगा जाता है। लड़का जितना संपन्न होगा उतरा ज्यादा ही दहेज मांगा और दिया भी जाता है। लेकिन इन दिनों कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें बेटी के पिता या बेटी ने दहेज देने से इंकार कर दिया है बारात बैरंग वापस लौट गई। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भरतपुर से सामने आया है, जहां दहेज मांगने पर दुल्हन ने दरवाजे से ही बारात वापस लौटा दी।
Groom Demands This To Bride Before Wedding मिली जानकारी के अनुसार भरतपुर के कामां में एक शादी समारोह के दौरान दहेज में सोने की चैन एवं अंगूठी नहीं मिलने पर जमकर बारातियों ने तांडव मचा दिया। इसके बाद लडक़ी ने साथ जाने को मना कर दिया। मामले में करीब एक दर्जन महिला-पुरुषों को मामूली चोट आई तथा सामान में तोडफ़ोड़ कर दी। सूचना मिलते ही कामां थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दो लोगों को हिरासत में भी लिया है। विवाद के चलते शादी संपन्न नहीं हो सकी।
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कामां कस्बा के डंडा बहार शुक्रवार शाम को प्रवीण कुमार पुत्र विजय ङ्क्षसह निवासी अंबेडकर कॉलोनी सौंख तहसील कठूमर जिला अलवर बारात लेकर पहुंचे बारात की धूमधाम के साथ निकासी निकाली गई। इसके बाद बारात दरवाजे पर पहुंची तो सोने की चेन एवं अंगूठी नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए महिलाओं के ऊपर बारातियों ने सामान फेंक दिया और मारपीट करने पर उतारू हो गए। लडक़ी पक्ष के लोगों ने काफी समझाइश की, लेकिन बाराती शराब के नशे में होने के चलते जमकर तांडव मचाते हुए तोडफ़ोड़ कर दी। जिसमें एक दर्जन के करीब महिला पुरुषों चोटिल हो गए। पुलिस ने भी काफी समझाइश की, लेकिन कोई सहमति नहीं बनने पर दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया तथा अन्य बाराती भाग जाने में सफल रहे।
मौजूदा लोगों की पंचायत बुलाई गई। इसमें दोनों पक्षों से वार्ता करने के बाद सहमति बनी थी। लडक़ी पक्ष लडक़े वाले का सामान लौटा देगा तथा लडक़ा पक्ष शादी में जो खर्चा है, उसे लडक़ी पक्ष को देगा। लडक़ा पक्ष मौजूदा लोगों को गुमराह करते रहे और कोई अपना स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए हैं। करीब पांच घंटे तक चली पंचायत में दुल्हन के परिजनों ने दहेज सहित खर्च की करीब साढे 8 लाख रुपए का बिल पेश कर दिया। सर्व समाज की पंचायत के चुने हुए पंचों ने वर पक्ष के लोगों को 8:50 लाख रुपए चुकाने का फैसला सुना दिया।