Gyanvapi Masjid case: Shivling worship and carbon dating petition

ज्ञानवापी मस्जिद मामलाः शिवलिंग की पूजा और कार्बन डेटिंग याचिका हुई खारिज, अब अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते के लिए टाल दी है। कोर्ट ने मस्ज़िद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा करने या उसकी कार्बन डेटिंग की मांग को भी सुनने से मना कर दिया।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : July 21, 2022/5:08 pm IST

Vishwanath Gyanvapi Controversy: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते के लिए टाल दी है। कोर्ट ने मस्ज़िद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा करने या उसकी कार्बन डेटिंग की मांग को भी सुनने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले में जिसे जो भी कहना है, वह वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में कहे।सुप्रीम कोर्ट में आज अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद मैनेजमेंट कमिटी की याचिका सुनवाई के लिए लगी थी। इससे पहले इस मामले की सुनवाई 18 मई को हुई थी।

Read More: बुढ़ापे की लाठी बनेगी सरकार की ये योजना, हर महीने मिलेंगे इतने रूपए, ऐसे करें आवेदन 

उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने पूरा मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से ज़िला जज की कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। उस आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा था कि जिला जज सबसे पहले मस्ज़िद कमिटी के उस आवेदन को सुनें जिसमें हिन्दू पक्ष की याचिका को सुनवाई के अयोग्य बताया गया है।

Read More: युवक ने व्यक्ति को उतारा मौत के घाट, अपनी मां के साथ इस बात को लेकर था शक 

हिंदू श्रद्धालुओं की भी याचिका

अंजुमन इंतजामिया के अलावा आज 3 और याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगी थीं. इन्हें अलग-अलग हिन्दू श्रद्धालुओं ने दाखिल किया था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सबसे पहले मस्ज़िद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी को सुना। अहमदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मुताबिक वाराणसी ज़िला जज की कोर्ट में कार्रवाई चल रही है। फिलहाल मेंटेनिबिलिटी (हिन्दू पक्ष की याचिका के सुनवाई योग्य होने या न होने) के मसले को सुना जा रहा है।

Read More: नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी से ED ने की पूछताछ खत्म, खराब स्वास्थ्य का दिया हवाला, इस तारीख को फिर होगा सवाल-जवाब 

अक्टूबर में अगली सुनवाई
हुजैफा अहमदी ने आगे कहा कि उन्होंने मामले में कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति को भी चुनौती दी है। जिस तरह से कमिश्नर की नियुक्ति हुई और मस्जिद परिसर का सर्वे करवाया गया, वह गलत था। अहमदी ने कहा कि इस बारे में उनके विरोध को न सिविल जज ने सुना, न हाई कोर्ट ने।इस पर बेंच ने प्रस्ताव दिया कि वह वाराणसी के जिला जज से इस पहलू को भी सुनने को कह सकते हैं। लेकिन अहमदी ज़ोर देते रहे कि सुप्रीम कोर्ट ही इसे सुने क्योंकि हाई कोर्ट इसे सुन कर खारिज कर चुका है। इस पर 3 जजों की बेंच ने कोई टिप्पणी नहीं की. जजों ने कहा कि वाराणसी की कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

Read More: बच्चों को दिए गए ‘मामा’ के खिलौने हुए चोरी …जानें क्या है पूरा मामला 

ऐसे में मामले के किसी भी पहलू पर अभी उनका सुनवाई करना सही नहीं होगा। इसलिए, सुनवाई को अक्टूबर के पहले हफ्ते के लिए टाला जा रहा है।

पूजा की मांग सुनने से मना किया

इसके बाद सर्वे के दौरान मस्ज़िद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति मांग रहे याचिकाकर्ता राजेश मणि त्रिपाठी ने अपनी बात रखने की कोशिश की। इस पर बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- जब निचली अदालत में सुनवाई लंबित है, तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका कैसे कर सकते हैं? सिविल केस की सुनवाई की एक प्रक्रिया होती है। बेहतर है आप याचिका वापस ले लें

इसके बाद अमिता सचदेव, पारुल खेड़ा समेत 7 श्रद्धालु महिलाओं की तरफ से वकील हरिशंकर जैन ने शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग रखी। लेकिन जज ने उनसे भी यही कहा कि इस तरह सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती। उन्हें यह बातें निचली अदालत में रखनी चाहिए।

Read More: बेटी के लव मैरिज से नाराज था पिता, दामाद को दे डाली ये खौफनाक सजा, जानकर आपकी भी कांप उठेगी रूह 

जजों के रुख को देख श्रद्धालुओं ने वापस ली अपनी याचिकाएं

विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple) में सैकड़ों साल से पूजा करते आ रहे व्यास परिवार के शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की भी याचिका कोर्ट के सामने सूचीबद्ध थी। इसमें यह बताया गया था कि 1993 तक ज्ञानवापी (Gyanvapi) के एक तहखाने पर उनका नियंत्रण था। वहां पूजा और रामायण पाठ जैसे कार्यक्रम होते थे। लेकिन जजों के रुख को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी याचिकाएं वापस ले लीं। सब ने अपनी बात निचली अदालत में रखने की बात कही है।

Read More: UPPSC मेडिकल ऑफिसर भर्ती का एडमिट कार्ड जारी, इस लिंक पर जाकर करें डाउनलोड, जानिए कब होगी परीक्षा