Kausar Jahan on CAA: इसमें दिक्कत क्या है? CAA को लेकर दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने कर दी सबकी बोलती बंद, जानिए क्या कहा उन्होंने

Kausar Jahan on CAA: इसमें दिक्कत क्या है? CAA को लेकर दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने कर दी सबकी बोलती बंद, जानिए क्या कहा उन्होंने

Kausar Jahan on CAA: इसमें दिक्कत क्या है? CAA को लेकर दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने कर दी सबकी बोलती बंद, जानिए क्या कहा उन्होंने
Modified Date: March 13, 2024 / 10:30 am IST
Published Date: March 13, 2024 10:30 am IST

नई दिल्ली: Kausar Jahan on CAA लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने ऐसा बम फोड़ा है ​कि पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। जी हां नागरिकता संशोधन कानून या या​नी CAA लागू होने के बाद से देश के कई राज्यों में विरोध के सुर तेज होने लगे हैं। कई संगठनों ने CAA को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस कानून का समर्थन कर रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने CAA को लेकर बड़ी बात कही है।

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Kausar Jahan on CAA कौसर जहां ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि “मैं केंद्र सराकर के फैसला का इसका स्वागत करती हूं। यह नागरिकता देने का कानून है, छीनने का नहीं। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हमारे पड़ोसी देशों में गैर-मुसलमानों की हालत अच्छी नहीं है। अगर सरकार उन्हें सम्मानजनक जिंदगी देना चाहती है तो इसमें दिक्कत क्या है?” इस फैसले के लिए कौसर जहां ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को इससे कोई खतरा या कोई परेशानी नहीं होने वाली है। मुस्लिम समुदाय को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी, घबराने की जरूरत नहीं है।

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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी धर्म का हो। अधिकारियों ने कहा कि नागरिकता देने से इन गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा होगी। इन समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं।

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इससे उनका आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद का अधिकार भी सुनिश्चित होगा। यह कानून पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा और दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को एक सम्मानजनक जीवन देगा। अधिकारियों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई हैं। लेकिन, यह नागरिकता देने का कानून है। किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का नहीं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न सहा है और जिनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई अन्य ठिकाना नहीं है।

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लेखक के बारे में

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