हर्षवर्धन ने कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए मोदी को सराहा, राज्यों व स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं: डेरेक

हर्षवर्धन ने कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए मोदी को सराहा, राज्यों व स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं: डेरेक

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  • Publish Date - September 15, 2020 / 12:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को यह कहते हुए आड़े हाथों लिया कि सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में राज्यसभा में दिए अपने बयान के दौरान उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए न तो राज्यों की सराहना की और न ही स्वास्थ्यकर्मियों की। उन्होंने कोरोना योद्धाओं तक को श्रद्धांजलि नहीं दी।

संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में तृणमूल सांसद ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने 12 पन्नों के अपने बयान में सिर्फ एक बार ‘‘बधाई’’ शब्द का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कल सुबह जब हमें मौका मिलेगा, हम स्पष्टीकरण मांगेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने एक ही बार बधाई शब्द का इस्तेमाल किया। 12 पन्नों का उनका बयान था। उन्होंने किसे बधाई दी? प्रधानमंत्री को। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, नर्सों, पुलिसकर्मियों, वार्ड ब्वॉयज और सफाई कर्मियों को क्यों नहीं बधाई दी ?’’

ओब्रायन ने कहा, ‘‘इनमें से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। क्या स्वास्थ्य मंत्री उनके प्रति संवेदना जाहिर नहीं कर सकते थे? या फिर जिन्होंने अपनी जान गंवाई , उनके परिजन को वे सांत्वना नहीं दे सकते थे ? यहां तक राज्यों को भी आपने बधाई नहीं दी। वह राज्यों को बधाई दे सकते थे। कह सकते थे कि विभिन्न राज्यों जैसे मेरे बंगाल से क्या सीख मिली? हमने क्या अच्छा किया? लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था उनके बयान में।’’

देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा कि भारत में करीब 92 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले हैं और केवल 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत पड़ी।

हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में राज्यसभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाने सहित सरकार द्वारा समय पर लिये गये फैसलों से संक्रमण के करीब 14-29 लाख मामलों को रोकने में और 37,000-38,000 लोगों को मौत से बचाने में मदद मिली।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा