(लक्ष्मी गोपालकृष्णन)
तिरुवनंतपुरम, 21 दिसंबर (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को कहा कि किसी आधुनिक राज्य का शासन किसी धर्म की रूढ़िवादिता के आगे झुककर नहीं चलाया जा सकता और अगर प्रगतिशील मूल्यों के पक्ष में खड़े होने से सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) को अस्थायी रूप से कुछ वोटों का नुकसान होता है, तो यह स्वीकार्य है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।
जब शिवनकुट्टी से पूछा गया कि क्या कोच्चि के एक ईसाई स्कूल में हिजाब विवाद और कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं के विरोध के बावजूद विद्यालयों में ‘जुम्बा’ नृत्य कार्यक्रमों को लागू करने के राज्य सरकार के निर्णय के कारण एलडीएफ के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा तो उन्होंने स्वीकार किया कि ‘‘ये ऐसे मुद्दे थे जिन्हें बहुत बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया।’’
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘कोच्चि के सेंट रीटा स्कूल में हिजाब मामले में, सरकार छात्रा के शिक्षा एवं धार्मिक अभिव्यक्ति के संवैधानिक अधिकार के पक्ष में मजबूती से खड़ा हुई। हमने आगे आकर हस्तक्षेप किया ताकि उसे प्रवेश से वंचित न किया जाए। इससे यह साबित होता है कि हम अल्पसंख्यक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’
उन्होंने यह बात हिजाब पहनने के कारण एक मुस्लिम छात्रा को स्कूल में प्रवेश देने से वंचित किए जाने के मुद्दे पर की।
उन्होंने ‘जुम्बा’ मुद्दे पर कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर दूं कि धर्माचार के बहाने विद्यालयों में शारीरिक फिटनेस और नशामुक्ति अभियानों का विरोध करना प्रगति के बजाय प्रतिगमन है। हमने हमारे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जुम्बा कार्यक्रम शुरू किया था। कुछ रूढ़िवादी वर्गों की ओर से किया गया विरोध दुर्भाग्यपूर्ण और गलत था। एक आधुनिक राज्य में हम किसी भी धर्म की रूढ़िवादिता के सामने झुककर शासन नहीं कर सकते।”
उन्होंने कहा, ‘अगर प्रगतिशील मूल्यों के पक्ष में खड़े होने से हमें कुछ मतों का अस्थायी रूप से नुकसान होता है तो कोई बात नहीं। हम समुदायों को समझाएंगे कि हमने उनके बच्चों के भविष्य के लिए निर्णय लिए थे।”
वर्तमान चुनावी परिणामों पर शबरिमाला से सोना गायब होने से जुड़े मामले के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में शिवनकुट्टी ने कहा कि श्रद्धालु वाम सरकार पर अब भी विश्वास रखते हैं और एसआईटी (विशेष जांच चल) की जांच प्रभावी तरीके से जारी है।
उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘‘आस्थावान लोगों के खिलाफ विश्वासघात’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने शबरिमला से सोना गायब होने के मामले को राजनीतिक रूप से भड़काने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘जिस किसी ने भी भगवान अयप्पा का सोना चुराया होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम पहले ही यह साबित कर चुके हैं कि चाहे कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून उसे पकड़ लेगा।’
उन्होंने कहा कि वह स्थानीय निकाय चुनाव में मिली हार को एक स्थायी झटके के रूप में नहीं देखते।
शिवनकुट्टी ने दावा किया कि हार इतनी करारी भी नहीं है जिस तरह मीडिया इसे पेश कर रहा है।
मंत्री ने कहा, ‘स्थानीय निकाय चुनावों को केवल विधानसभा चुनावों के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। हमने यह पहले भी देखा है -2019 में, यूडीएफ ने लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी और 2021 में केरल की जनता ने पिनराई विजयन को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया।’’
भाषा जोहेब सिम्मी
सिम्मी