किसान प्रदर्शन: हरियाणा सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक 17 फरवरी तक बढ़ाई

किसान प्रदर्शन: हरियाणा सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक 17 फरवरी तक बढ़ाई

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  • Publish Date - February 15, 2024 / 08:28 PM IST,
    Updated On - February 15, 2024 / 08:28 PM IST

चंडीगढ़, 15 फरवरी (भाषा) हरियाणा सरकार ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के मद्देनजर बृहस्पतिवार को सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट तथा ‘बल्क’ एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध दो दिन और बढ़ाकर 17 फरवरी तक कर दिया।

सरकार ने एक आदेश में कहा कि ये जिले अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा हैं।

अनेक लोगों को एक साथ संदेश भेजने की प्रक्रिया को ‘बल्क एसएमएस’ कहते हैं। राज्य सरकार ने 13 फरवरी को इन सेवाओं पर रोक दो दिन के लिए बढ़ा दी थी।

पंजाब के किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद ने एक आदेश में कहा, ‘‘राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के आकलन के बाद, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण है।’’

यह आदेश भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 और दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम 2017 के नियम 2 के तहत जारी किया गया है।

आदेश के अनुसार अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में ‘वॉयस कॉल’ को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क एसएमएस (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं पर रोक 17 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।

इन जिलों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह आदेश दिया गया है।

हरियाणा में सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

भाषा

देवेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल