शंभू सीमा पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे; रविवार को फिर बातचीत |

शंभू सीमा पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे; रविवार को फिर बातचीत

शंभू सीमा पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे; रविवार को फिर बातचीत

:   Modified Date:  February 16, 2024 / 08:34 PM IST, Published Date : February 16, 2024/8:34 pm IST

(तस्वीर सहित)

चंडीगढ़, 16 फरवरी (भाषा) हरियाणा-पंजाब की शंभू सीमा पर अंबाला के पास शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों के अवरोधक की तरफ बढ़ने की कोशिश के दौरान हरियाणा पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के दागे।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। इस आंदोलन के चौथे दिन शुक्रवार को ताजा टकराव देखने को मिला।

गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री और किसान नेता चौथे दौर की वार्ता के लिए 18 फरवरी को मिलेंगे। दोनों पक्षों के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को भी मुलाकात हुई थी लेकिन सभी वार्ता बेनतीजा रही।

पंजाब के किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच शुरू किया, लेकिन हरियाणा-पंजाब की शंभू और खनौरी सीमाओं पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। तब से प्रदर्शनकारी दोनों सीमाओं पर डटे हुए हैं।

विरोध प्रदर्शन के चौथे दिन शुक्रवार को शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों में शामिल एक 63 वर्षीय किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

अधिकारियों के मुताबिक पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले ज्ञान सिंह ने सुबह सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें पंजाब के राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें पटियाला के राजिंदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बृहस्पतिवार रात करीब 8:45 बजे बैठक शुरू हुई और पांच घंटे तक जारी रही लेकिन इसमें दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। दोनों पक्षों के बीच अब चौथे दौर की वार्ता 18 फरवरी को होगी।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई और सकारात्मक चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि अब बैठक रविवार शाम छह बजे होगी। मुंडा ने कहा ,‘‘ हम साथ बैठ कर कोई हल निकाल लेंगे।’’

केन्द्रीय मंत्री मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए।

मान ने कहा कि किसान नेताओं और मंत्रियों के बीच विस्तार से चर्चा हुई।

उन्होंने कहा,‘‘ हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।’’

मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र के समक्ष संगरूर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किए जाने और हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा पंजाब में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का मुद्दा उठाया।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कर्ज माफी के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।

पंधेर ने कहा, ‘‘उन्होंने (केंद्रीय मंत्रियों ने) कहा कि उन्हें समय चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि सकारात्मक परिणाम निकले और किसी भी तरह की संघर्ष की स्थिति से बचा जाना चाहिए। अन्यथा दिल्ली जाने का हमारा कार्यक्रम पक्का है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या किसान पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे रहेंगे, पंधेर ने कहा, ‘‘हां’’।

केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान किसान नेताओं ने विभिन्न नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित करने पर आपत्ति जताई।

पंधेर ने कहा कि उन्होंने शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसानों पर अर्द्धसैनिक बलों द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने का मुद्दा भी उठाया।

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

भाषा खारी माधव

माधव

 

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