उच्च न्यायालय ने ‘रोड रेज’ का मामला रद्द किया, आरोपी को तीन लाख रुपए जमा कराने का आदेश

उच्च न्यायालय ने ‘रोड रेज’ का मामला रद्द किया, आरोपी को तीन लाख रुपए जमा कराने का आदेश

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  • Publish Date - July 18, 2021 / 09:37 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज ‘रोड रेज’ के मामले में प्राथमिकी को दोनों पक्षों द्वारा सहमति से समझौता करने के बाद रद्द कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को तीन लाख रुपये वकील वैश्विक महामारी कोष में जमा कराने का निर्देश दिया।

अदालत ने रेखांकित किया कि आरोपी ने अपने व्यवहार के लिए अफसोस जताया और भरोसा दिया कि भविष्य में वह ऐसी घटना नहीं दोहराएगा। इसके साथ ही उसने स्वेच्छा से सामाजिक उद्देश्य के लिए वित्तीय योगदान की पेशकश की।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने फैसले में कहा, ‘‘ उपरोक्त तथ्यों पर गौर करते हुए और चूंकि मौजूदा फौजदारी प्रक्रिया को जारी रखने से कोई लाभ नहीं होगा, निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिकी और उसके बाद की कार्रवाई को रद्द किया जाए, बशर्तें याचिकाकर्ता (आरोपी) दो सप्ताह के भीतर तीन लाख रुपये दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन वैश्विक महामारी कोष में जमा कराए।’’

अदालत ने शिकायतकर्ता का बयान भी दर्ज किया, जिसमें उसने कहा कि वह अपनी इच्छा से और बिना किसी भय के समझौता कर रहा है और उसे प्राथमिकी और कार्रवाई को रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

गौरतलब है कि 17 अक्टूबर 2020 को दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह देर रात करीब दो से ढाई बजे के बीच रात्रि भोजन कर अपनी पत्नी के साथ सफदरजंग एन्क्लेव से लौट रहा था तभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञन संस्थान के ट्रामा सेंटर के पास उनके साथ रोड रेज की घटना हुई।

शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपी ने बेल्ट से उसकी पिटाई की, जिससे उसे काफी चोटें आई और इसके बाद उसने प्राथमिकी दर्ज कराई। अदालत को सूचित किया गया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ भी उसी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी और समझौता होने पर उसे पहले ही रद्द कर दिया गया है।

भाषा धीरज सिम्मी

सिम्मी