उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ की रिलीज के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार

उच्च न्यायालय ने फिल्म 'द ताज स्टोरी' की रिलीज के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार

उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘द ताज स्टोरी’  की रिलीज के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार
Modified Date: October 30, 2025 / 05:07 pm IST
Published Date: October 30, 2025 5:07 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को विचार करने से इनकार कर दिया। यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में समीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता। पीठ ने पूछा, ‘क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं? क्या आपके कहने मात्र से हम आदेश पारित कर देंगे?’

इस पर, वकील ने दलील दी कि वह फिल्म की रिलीज के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वह यह स्पष्टीकरण चाहते हैं कि यह विषयवस्तु निश्चित इतिहास नहीं है।

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जवाब में पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के लिए सरकार से संपर्क करना अधिक उचित होगा। याचिकाकर्ता इस समय सरकार के समक्ष आवेदन करने के लिए याचिका वापस लेने का अनुरोध करते हैं।’

याचिका में परेश रावल अभिनीत फिल्म के निर्माताओं को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया कि वे ‘सभी तरह के प्रचार और क्रेडिट में स्पष्ट रूप से एक प्रमुख स्पष्टीकरण प्रदर्शित करें जिसमें कहा गया हो कि फिल्म एक विवादित कथा से संबंधित है और यह एक निश्चित ऐतिहासिक विवरण होने का दावा नहीं करती है।’

याचिका में आरोप लगाया गया कि यह फिल्म पूरी तरह से मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित है, जिसमें कास्टिंग/निर्माण/निर्देशन/लेखक द्वारा राजनीतिक पहुंच हासिल करने के लिए विशेष प्रचार किया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि फिल्म से भारत में विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक अशांति पैदा हो सकती है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश


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