केरल में भारी बारिश, मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ा गया

केरल में भारी बारिश, मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ा गया

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  • Publish Date - October 18, 2025 / 08:15 PM IST,
    Updated On - October 18, 2025 / 08:15 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 18 अक्टूबर (भाषा) केरल के कई हिस्सों में शनिवार को भारी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और इडुक्की स्थित मुल्लापेरियार बांध सहित जलाशयों में जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण अधिकारियों को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए बांध के शटर खोलने पड़े।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले सात दिनों में राज्य भर में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। ऑरेंज अलर्ट 24 घंटों में 11 से 20 सेमी के बीच ‘बहुत भारी बारिश’ होने का संकेत है।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की रात इडुक्की जिले में भारी बारिश के कारण कुमिली, नेदुमकनादम और कट्टप्पना में बाढ़ आ गई, जहां कई घरों में पानी घुस गया और निवासियों को रात भर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को लगभग 45 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

टेलीविजन पर दिखाई गई तस्वीरों के अनुसार, कूटर नदी में जलस्तर बढ़ने से नेदुमकंदम में एक खड़ी वैन बह गई।

इसके अलावा, पथानामथिट्टा, एर्णाकुलम और कोझिकोड जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया।

आईएमडी ने कहा कि 18 से 24 अक्टूबर के बीच राज्य में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि 18 और 19 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान गरज के साथ हल्की बारिश पड़ने और बिजली कड़कने की संभावना है और हवा की गति 30-40 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है।

आईएमडी के एक बयान में कहा गया है कि केरल-कर्नाटक तट के पास दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र में बना एक निम्न दबाव का क्षेत्र अब एक सुस्पष्ट निम्न दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है।

अगले 36 घंटों में इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और एक अवदाब में तब्दील होने की संभावना है।

इसी तरह, मन्नार जलडमरूमध्य क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जबकि एक अन्य दक्षिणी अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर स्थित है।

आईएमडी ने कहा, ‘इसके प्रभाव से, 21 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।’

इसने केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के तटों पर मछुआरों को 22 अक्टूबर तक समुद्र में जाने से बचने की चेतावनी भी दी है, क्योंकि तटीय क्षेत्र में 35-45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जो बढ़कर 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।

जिला प्रशासन ने बताया कि लगातार भारी बारिश के बाद, इडुक्की के विभिन्न बांधों में जल स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण अधिकारियों को पानी छोड़ना पड़ा है।

इडुक्की स्थित मुल्लापेरियार बांध का प्रबंधन करने वाले तमिलनाडु जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। दोपहर एक बजे तक बांध के सभी 13 द्वार खोल दिए गए, जिससे 7,163 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उस समय बांध का जलस्तर 138.80 फीट दर्ज किया गया, जो स्वीकार्य सीमा 137 फीट से अधिक था।

बढ़ते जल स्तर के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में, कल्लारकुट्टी बांध को भी खोल दिया गया, जिससे लगभग 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

इसके अलावा, शनिवार सुबह कल्लार बांध के चार शटर 60 सेंटीमीटर ऊपर उठा दिए गए, जिससे 1,063 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

अधिकारियों ने कल्लार और चिन्नार नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को संभावित बाढ़ के बारे में सतर्क कर दिया है।

मलंकारा डायवर्जन बांध के चार द्वार भी खुले हैं।

बांध में पानी का प्रवाह केरल राज्य विद्युत बोर्ड के मूलमट्टम संयंत्र में बिजली उत्पादन के बाद छोड़े गए पानी पर निर्भर करता है।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सबसे बड़े बांध, इडुक्की जलाशय का जलस्तर शनिवार सुबह 7 बजे 2,381.92 फीट था, जिसमें 75.80 प्रतिशत जल संग्रहण था।

बांध के सभी द्वार बंद हैं।

भाषा तान्या रंजन

रंजन