पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग सुविधा की जरूरत : संसदीय समिति

पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग सुविधा की जरूरत : संसदीय समिति

पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग सुविधा की जरूरत : संसदीय समिति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: March 21, 2021 11:00 am IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) संसद की एक स्थायी समिति ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सुझाव दिया है कि पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में हेलीकॉप्टर के उतरने की सुविधा की बहुत जरूरत है ताकि उत्तराखंड में पिछले दिनों हुई ग्लेशियर फटने जैसी दुर्घटना की स्थिति में आपदा प्रबंधन अभियान सुनिश्चित किए जा सकें।

परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने हाल ही में पेश अपनी रिपोर्ट में मंत्रालय से 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली चार धाम परियोजना के शेष हिस्से को पूरा करते समय पारिस्थितिकी संतुलन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

टी जी वेंकटेश की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने कहा, ‘‘सात फरवरी 2021 को उत्तराखंड में ग्लेशियर विस्फोट का संज्ञान लेते हुए समिति पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर हेलीकॉप्टर के उतरने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।’’

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समिति ने इस सिलसिले में संबंधित मंत्रालयों, विभागों, संगठनों के बीच प्रभावी समन्वय बनाए जाने के लिए भी कहा।

साथ ही समिति ने मंत्रालय को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ नियमित तौर पर सक्रिय रूप से संपर्क बनाने की भी सलाह दी।

चार धाम परियोजना के बारे में संसदीय समिति ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण और उच्चतम न्यायालय में याचिकाओं के कारण इसमें हो रहे विलंब पर उसने संज्ञान लिया है।

900 किलोमीटर लंबे चारधाम राजमार्ग का उद्देश्य उत्तराखंड के चार शहरों — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए हर मौसम में संपर्क मार्ग मुहैया कराना है।

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा


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