हाई कोर्ट ने IIMC महानिदेशक संजय द्विवेदी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, विशेषज्ञों के विवेक के संबंध में हस्तक्षेप नहीं

हाई कोर्ट ने IIMC महानिदेशक संजय द्विवेदी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, विशेषज्ञों के विवेक के संबंध में हस्तक्षेप नहीं

हाई कोर्ट ने IIMC महानिदेशक संजय द्विवेदी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, विशेषज्ञों के विवेक के संबंध में हस्तक्षेप नहीं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: November 13, 2020 12:21 pm IST

नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के नए महानिदेशक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को ठुकराते हुए कहा कि वह विशेषज्ञों के विवेक के संबंध में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा कि याचिका में दम नहीं है और विषय की जानकर विशेषज्ञ समिति के पास इसका फैसला करने को लेकर पूरी व्यवस्था थी कि संजय द्विवेदी ने पद के लिए जारी विज्ञापन की शर्तों को पूरा किया या नहीं ।

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अदालत में एक याचिका दायर की गयी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संजय द्विवेदी जब पद के लिए चुने गए तो उनके पास 25 साल का जरूरी न्यूनतम अनुभव नहीं था। अदालत ने कहा कि सबसे पहले उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने उनके नाम को चुना और उसने 24 फरवरी को अपनी सिफारिश दी। इसके बाद कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इसे मंजूरी दी। अदालत ने कहा, ‘‘इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि चयन करने वाली कमेटी ने नाम का चयन करने के पहले योग्यता के साथ ही प्रतिवादी नंबर तीन (द्विवेदी) के गुणों पर गौर किया होगा।’’ अदालत ने 31 पृष्ठ के आदेश में कहा, ‘‘विषय के जानकार विशेषज्ञों की कमेटी के पास प्रतिवादी नंबर तीन के विज्ञापन में जारी योग्यता को पूरा करने के संबंध में फैसला करने को लेकर सारी व्यवस्था थी।’’

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न्यायाधीश ने कहा कि वह एक अन्य मामले में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ की टिप्पणी से सहमत हैं, जिसमें कहा गया था कि विशेषज्ञ चयन समिति की सिफारिशों का परीक्षण करने में अदालतों की सीमित भूमिका है और यह विद्वानों और विषय के जानकार विशेषज्ञों के निर्णय पर ही छोड़ना उचित और सुरक्षित होगा। याचिकाकर्ता आशुतोष मिश्रा ने अदालत से कहा था कि द्विवेदी ने 1995 में स्नातक की डिग्री हासिल की और तब से उनके कार्य के अनुभवों की गिनती की गयी। इस तरह 25 साल का उनका कार्य अनुभव इस साल दिसंबर में पूरा होगा, लेकिन इससे पहले ही उनका चयन हो गया।

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आईआईएमसी ने उच्च न्यायालय से कहा था कि मीडिया या फिल्मों के क्षेत्र में काम करने के लिए स्नातक डिग्री होना बहुत जरूरी नहीं है और विज्ञापन वाले पद के लिए कार्य का अनुभव पत्रकारिता, मीडिया, फिल्म के क्षेत्र में होना चाहिए और संजय द्विवेदी मापदंड को पूरा करते हैं। इस पर पद द्विवेदी की नियुक्ति की घोषणा एक जुलाई को की गयी थी और उन्होंने 13 जुलाई को कार्यभार संभाल लिया ।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com