उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन को अयोग्य ठहराने के ईडीएमसी के फैसले पर लगाई रोक

उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन को अयोग्य ठहराने के ईडीएमसी के फैसले पर लगाई रोक

उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन को अयोग्य ठहराने के ईडीएमसी के फैसले पर लगाई रोक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: November 6, 2020 1:23 pm IST

नयी दिल्ली, छह नवम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के निलंबित नेता ताहिर हुसैन को नगरपालिका निकाय के पार्षद के रूप में आयोग्य ठहराने के पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

हुसैन को उत्तर-पूर्व दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने ईडीएमसी के फैसले के खिलाफ ताहिर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

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अदालत ने इसके साथ ही निगम को नोटिस जारी किया। निगम को इस नोटिस का जवाब अगले साल 17 मार्च तक देना है। निगम की ओर से उसके स्थाई वकील गौरांग कंठ उपस्थित थे।

हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद, वकील रिज़वान और अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि ईडीएमसी का फैसला ‘मनमाना, अवैध और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ था” और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

याचिका में ईडीएमसी के 20 अगस्त के उस पत्र को भी चुनौती दी गई, जिसमें ताहिर को जनवरी, फरवरी, जून और जुलाई में हुई सदन की बैठकों में शामिल नहीं होने के कारण पार्षद के तौर पर उनकी ”सीट रिक्त किए जाने” का प्रस्ताव किया गया था।

याचिका के मुताबिक, 20 अगस्त के प्रस्ताव को निगम ने 26 अगस्त को मंजूरी दी।

याचिका में दलील दी गई है कि हुसैन को दंगों से संबंधित मामले में पांच मार्च को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।

इसमें कहा गया कि इसके बाद हुई बैठकों को लेकर हुसैन को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। ऐसे में वह बैठक में शामिल होने संबंधी मंजूरी के लिए अदालत नहीं जा सकते थे।

पार्षद की ओर से उनकी पत्नी ने याचिका दायर की है।

याचिका में यह भी दलील दी गई कि दिल्ली नगर निगम कानून के तहत प्रत्येक बैठक से 72 घंटे पहले सभी पाषर्दों को नोटिस दिया जाता है।

ईडीएमसी की ओर से पेश कंठ ने बताया कि उन्होंने अदालत के समक्ष दलील दी कि हुसैन निगम की जनवरी, फरवरी, जून और जुलाई में हुई बैठकों में अनुपस्थित रहे जबकि कोविड-19 महामारी के कारण मार्च, अप्रैल और मई 2020 में बैठक आयोजित नहीं की गई।

ईडीएमसी ने ताहिर को कथित तौर पर बिना सूचना के सदन की लगातार तीन बैठकों में शामिल नहीं होने के कारण पार्षद के तौर पर अयोग्य ठहराया था।

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र


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