चंडीगढ़, तीन दिसंबर (भाषा) हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने बुधवार को अधिकारियों को उस व्यक्ति की आय और भुगतान क्षमता की जांच करने का निर्देश दिया, जिसने एक फैंसी वाहन नंबर के लिए रिकॉर्ड 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन समय सीमा में भुगतान करने में विफल रहा।
पिछले सप्ताह, हिसार में रहने वाले इस व्यक्ति को पंजीकरण संख्या एचआर-88-बी-8888 के लिए सबसे अधिक बोली लगाने के बाद सफल बोलीदाता घोषित किया गया था।
उसे इसके लिए सोमवार तक भुगतान करना था। उसने ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए शुरू में 1,000 रुपये का भागीदारी शुल्क दिया था और 10,000 रुपये सुरक्षा राशि के तौर पर जमा कराए थे।
विज ने बोली के विजेता द्वारा निर्धारित समय के भीतर राशि का भुगतान करने में विफल रहने पर बुधवार को संज्ञान लिया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को बोलीदाता की वास्तविक आय और संपत्ति की जांच करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसकी पुष्टि की जानी चाहिए कि क्या व्यक्ति में वास्तव में 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाने की क्षमता है।’
उसकी 10,000 रुपये की सुरक्षा जमा राशि जब्त कर ली जाएगी, और नीलामी प्रक्रिया के तहत नंबर की फिर से नीलामी की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि हरियाणा में फैंसी नंबर केवल नीलामी के माध्यम से ही आवंटित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग अक्सर इन नंबरों को प्राप्त करने के लिए बहुत ऊंची बोली लगाते हैं, जो राज्य को राजस्व अर्जित करने में भी मदद करता है।
हालांकि, मंत्री ने कहा कि हाल की घटना संकेत करती है कि कुछ व्यक्ति नीलामी प्रक्रिया को लापरवाही से ले रहे हैं, केवल एक दिखावा मान रहे हैं, जिम्मेदारी नहीं।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को गहन जांच के लिए एक लिखित अनुरोध भेजा जा रहा है ताकि भविष्य में कोई भी झूठे वित्तीय दावों पर या पर्याप्त आर्थिक क्षमता के बिना नीलामी में भाग न ले।
भाषा नोमान रंजन
रंजन