उच्चतम न्यायालय ने अरुंधति रॉय की पुस्तक के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने अरुंधति रॉय की पुस्तक के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

  •  
  • Publish Date - December 5, 2025 / 01:01 PM IST,
    Updated On - December 5, 2025 / 01:01 PM IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें अरुंधति रॉय की पुस्तक ‘मदर मैरी कम्स टू मी’ की बिक्री, वितरण और प्रदर्शन पर इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था कि पुस्तक के आवरण पर उन्हें सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है जो कि कानून का उल्लंघन है।

राजसिम्हन नामक व्यक्ति ने इस मुद्दे पर केरल उच्च न्यायालय की ओर से अपनी जनहित याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसे भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने खारिज कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वह एक प्रसिद्ध लेखिका हैं। उन्होंने ऐसी किसी चीज़ को बढ़ावा नहीं दिया है। पुस्तक में एक चेतावनी भी दी गई है, और वह स्वयं एक प्रख्यात व्यक्ति हैं। फिर प्रचार के लिए ऐसा क्यों किया जा सकता है? शहर में किताब की तस्वीर वाली कोई होर्डिंग नहीं लगी है। यह उन लोगों के लिए है जो किताब लेकर पढ़ेंगे।’’

पीठ ने कहा कि लेखिका और प्रकाशक ‘पेंगुइन हैमिश हैमिल्टन’ ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 की धारा पांच का उल्लंघन नहीं किया है।

धारा पांच के तहत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमें उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता।”

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “हम नहीं जानते कि यह ‘गांजा बीड़ी’ है या सामान्य बीड़ी। इसे खुद वह पीती हुई दिखाई गई हैं।”

वकील ने कहा कि किताब में बहुत ही छोटा ‘डिस्क्लेमर’ है और इसमें कानून के तहत आवश्यक प्रमुख चेतावनी नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “किताब, प्रकाशक या लेखक का सिगरेट आदि के विज्ञापन से कोई संबंध नहीं है। यह कोई विज्ञापन नहीं है। आप लेखक के विचारों से असहमत हो सकते हैं… लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा मामला दायर करें।”

रॉय की यह पुस्तक संस्मरण पर आधारित है।

भाषा जोहेब गोला

गोला