हिप्र भाजपा अध्यक्ष व विधायक को अंतरिम जमानत मिली

हिप्र भाजपा अध्यक्ष व विधायक को अंतरिम जमानत मिली

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Modified Date: June 17, 2025 / 11:14 PM IST
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Published Date: June 17, 2025 11:14 pm IST
हिप्र भाजपा अध्यक्ष व विधायक को अंतरिम जमानत मिली

शिमला, 17 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और पांवटा साहिब से पार्टी विधायक सुखराम चौधरी को अंतरिम जमानत दे दी तथा पुलिस से कहा कि 13 जून की हिंसा के सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास और अवैध रूप से एकत्र होने के मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।

न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने बिंदल और चौधरी को राहत प्रदान की, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मामला राजनीति से प्रेरित है।

अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उनके खिलाफ ‘कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करे।’ अब यह मामला 24 जून को सूचीबद्ध होगा।

सिरमौर पुलिस ने शुक्रवार को हुई पथराव की घटना के सिलसिले में भाजपा नेताओं और कई अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। इस घटना में पुलिसकर्मियों सहित 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

यह घटना एक हिंदू महिला के मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित रूप से भाग जाने के विरोध में हुई। शुक्रवार (13 जून) को आक्रोशित हिंदू संगठन माजरा में एकत्र हुए और लाठी-डंडों और धारदार हथियारों के साथ उस व्यक्ति के घर की ओर बढ़ने लगे।

इसके बाद दो समूहों में पथराव शुरू हो गया जिसमें पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इस मामले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

शुक्रवार शाम को पत्थरबाजी की घटना के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत पांवटा साहिब क्षेत्र के चार गांवों – कीरतपुर, मालियों, फतेहपुर और मिस्सरवाला में 19 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

हालांकि, पुलिस ने 14 जून (शनिवार) को लड़की को ढूंढ निकाला और 12 जून को उसके द्वारा बनाया गया एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उसने कहा कि वह 18 साल की है और अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई है। उसने सिरमौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से यह भी अनुरोध किया कि अगर उसके परिवार ने लड़के और उसके परिवार के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है तो उसपर कोई कार्रवाई न की जाए।

इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस घटना का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल और सामाजिक संगठनों को ऐसी घटनाओं को धार्मिक रंग देने से बचना चाहिए।

भाषा नोमान रंजन

रंजन

 

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