ऊना (हिमाचल प्रदेश), आठ दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान की हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार आरोपियों को दोषी ठहराया है।
भूमि विवाद में जवान की हत्या गोली मारकर की गई थी। सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
ऊना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजिंदर कुमार की अदालत ने दोषी करार दिए गए जसवंत सिंह, उसके पुत्र दिलप्रीत सिंह, अमरीक सिंह और गुरप्रीत सिंह पर धारा 302 (हत्या) के तहत 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। उन्हें धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक ठाकुर भीष्म चंद ने की। ऊना के जिला अधिवक्ता एकलव्य ने बताया कि एक अप्रैल 2021 को नंगड़ा निवासी आईटीबीपी जवान विपिन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
नंगड़ा निवासी शिकायतकर्ता गुरदयाल सिंह के अनुसार, विपिन कुमार सुबह करीब साढ़े आठ बजे प्रवासी मजदूरों की मदद से खेत में गेहूं की कटाई कर रहे थे। उसी समय, उसी गांव का जसवंत सिंह, उसका बेटा दिलप्रीत सिंह, अमरीक सिंह और गुरप्रीत सिंह एक वाहन में खेत पर पहुंचे। वहां पर विवाद के बाद आईटीबीपी जवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर ऊना थाने के प्रभारी गौरव भारद्वाज के नेतृत्व में जांच शुरू की। अदालत ने 30 गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर चारों आरोपियों को दोषी करार दिया।
भाषा आशीष नरेश
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