हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, अब 15 साल की मुस्लिम लड़की भी कर सकती है अपने पसंद के लड़के से शादी

Historic decision of the High Court, now even a 15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice

हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, अब 15 साल की मुस्लिम लड़की भी कर सकती है अपने पसंद के लड़के से शादी

15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice

Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: October 31, 2022 12:36 pm IST

15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice: चंडीगढ़.; पंजाब और हरयाणा हाई कोर्ट ने एक ऐसा फैसला लिया है। जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये फैसला लिया है कि अब 15 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकती है। उसकी यह शादी वैध मानी जाएगी। हालांकि नियमों के अनुसार भारत में लड़की की शादी की उम्र 18 साल से लेकर 21 साल है। लेकिन एक याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विकास बहल ने ये फैसला लिया है।

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मुस्लिम लड़कियों पर इस्लामी व्यक्तिगत कानूनों का शासन जारी रहेगा।

15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice; हाई कोर्ट ने 16 वर्षीय एक लड़की को अपने पति के साथ रहने की अनुमति देते हुए यह बात कही। न्यायमूर्ति विकास बहल की खंडपीठ ने जावेद की एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसकी 16 वर्षीय पत्नी को उसके साथ रहने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. इसके साथ ही अपने आदेश में न्यायमूर्ति विकास बहल ने आगे कहा कि “बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धारा 12 के तहत ऐसा विवाह अमान्य नहीं होगा।” विशेष रूप से, इस्लाम (शरिया) में व्यक्तिगत कानूनों के अनुसार, यौवन प्राप्त करने की आयु 15 है। उच्च न्यायालय ने यह भी आश्वस्त किया है कि मुस्लिम लड़कियों पर इस्लामी व्यक्तिगत कानूनों का शासन जारी रहेगा।

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