श्रीनगर, 11 जुलाई (भाषा) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है और यहां जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित ऐतिहासिक भव्य मस्जिद में शुक्रवार को खुतबा देते हैं।
मीरवाइज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज मुझे जामिया मस्जिद जाने की अनुमति नहीं दी गई, घर में नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि डर था कि मैं शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में तकरीर में 13 जुलाई 1931 के शहीदों का जिक्र करूंगा।’’
उल्लेखनीय है कि 13 जुलाई, 1931 को जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की डोगरा सेना ने 22 लोगों की हत्या कर दी थी।
मीरवाइज ने कहा, ‘‘इन शहीदों और उसके बाद के सभी शहीदों का बलिदान कश्मीर की स्मृति में अंकित है जिसे किसी भी प्रकार की पाबंदियों और प्रतिबंधों से मिटाया नहीं जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी राष्ट्र अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध अपने शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को नहीं भूल सकता।’’
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने अधिकारियों से अपील की कि वे ‘‘पाबंदियां हटा दें’’ और लोगों को ‘‘13 जुलाई के शहीदों को शांतिपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करने’’ की अनुमति दें।
भाषा गोला नरेश
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