कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर होंगी तो संगठन मजबूत होगा: मंत्री मीणा

कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर होंगी तो संगठन मजबूत होगा: मंत्री मीणा

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  • Publish Date - December 9, 2025 / 08:30 PM IST,
    Updated On - December 9, 2025 / 08:30 PM IST

जयपुर, नौ दिसंबर (भाषा) कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं की सुनवाई सरकार में होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर होंगी तो संगठन मजबूत होगा।

वे यहां पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ता सुनवाई कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। इसमें मीणा और राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने भाजपा कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनीं।

मीणा ने बताया कि सरकार और संगठन ने मिलकर यह निर्णय किया है कि कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए सप्ताह में तीन दिन पार्टी कार्यालय में दो मंत्री एवं दो पदाधिकारी नियमित रूप से कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं की सुनवाई सरकार में होना अत्यंत आवश्यक है। कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर होंगी और उनके क्षेत्र की जन समस्याओं का समाधान होगा तो संगठन मजबूत होगा, और संगठन मजबूत होगा तो सरकार भी सुदृढ़ बनेगी।

उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में जनता से जुड़े मुद्दों पर कार्यकर्ताओं के साथ द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जाती थी।

भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कराना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दबाव में नाम हटवाना उनकी कार्यशैली रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी कार्यकर्ता के साथ भेदभाव नहीं करती।

राज्यमंत्री देवासी ने बताया कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ता सुनवाई की जा रही है, जबकि मंत्रियों के निवास पर जनसुनवाई पूर्व की भांति हो रही है।

बयान के अनुसार यूरिया उपलब्धता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री मीणा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में यूरिया की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि टोकन आधारित वितरण प्रणाली लागू की गई है जिससे लोग एक साथ पहुंच रहे हैं, लेकिन उपलब्धता पर्याप्त है।

उन्होंने बताया कि 11 लाख 33 हजार मीट्रिक टन की तुलना में राज्य को 11 लाख 35 हजार मीट्रिक टन यूरिया मिला है इसलिए किसी तरह की कमी का सवाल ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस बार खेतों में नमी अधिक होने के कारण गेहूं, जौ, चना और सरसों की बुवाई एक साथ हो गई, जिससे मांग अचानक बढ़ गई।

भाषा पृथ्वी

संतोष

संतोष