नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने मेडिकल प्रशिक्षुओं की आयुष औषधि में एक हफ्ते की वैकल्पिक तैनाती का प्रावधान ‘कम्प्लसरी रोटेटिंग इंटर्नशिप’ के लिए मसौदे नियमन से हटाने की मांग करते हुए इसे ‘‘अनावश्यक’’ और ‘‘मिक्सोपैथी’’ शुरू करने की कोशिश बताया।
नेशनल चिकित्सा आयोग (एनएमसी) इंटर्नशिप पर एक मसौदा नियमन लेकर आया है जिसमें कहा गया है कि औषधि या आयुष की किसी भी भारतीय प्रणालियों में एक हफ्ते का प्रशिक्षण चक्रीय कार्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए।
एनएमसी को लिखे पत्र में आईएमए ने आगाह किया कि औषधि की एक अन्य प्रणाली में एक हफ्ते के प्रशिक्षण से केवल ऐसे ‘‘मिक्सोपैथ’’ का मार्ग प्रशस्त होगा जो अच्छी तरह से सुनियोजित नहीं है और यह देश के लिए विनाशकारी है।
चिकित्सा संघ ने इस प्रावधान को हटाने की मांग की और कहा कि इसके स्थान पर जैव नीतिशास्त्र के साथ फैमिली मेडिसिन में एक या दो हफ्ते की तैनाती दी जा सकती है।
उसने कहा, ‘‘आईएमए एक हफ्ते की वैकल्पिक तैनाती को शामिल किए जाने का पूरी तरह विरोध करता है जो स्थापित नियमों के विरुद्ध है, अनावश्यक है और मिक्सोपैथी शुरू करने की कोशिश है। आईएमए इस पेशे की शुद्धता के लिए प्रयास करता रहेगा।’’
भाषा
गोला शाहिद
शाहिद