आइज़ोल। मिज़ोरम विधानसभा की 40 सीटों पर मंगलवार को 75 फीसदी मतदान हुआ। पोलिंग पार्टियों के लौटने का क्रम जारी है। ऐसे में माना जा रहा है कि कि मतदान का प्रतिशत और बढ़ सकताह है। यहां बुजुर्गों में भी मतदान को लेकर उत्साह नजर आया। राज्य की 40 विधानसभा सीटों के लिए 8 राजनीतिक दलों के 209 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं। इनमें सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के सबसे ज्यादा 40-40, भाजपा के 39, नेशनल पीपुल्स पार्टी के 9 और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के 5 प्रत्याशी हैं। पूर्वोत्तर के इस कांग्रेसी गढ़ में भाजपा इस बार सेंध लगाने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
जो 8 दल राज्य में चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से सिर्फ कांग्रेस (34 विधायक), एमएनएफ (5 विधायक) और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (अब जोराम पीपुल्स मूवमेंट का हिस्सा) ही ऐसी हैं, जिनके पास वर्तमान विधानसभा में सीटें हैं। मिजोरम में सत्ताधारी कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि वह अभी मिजोरम के अलावा पंजाब, पुडुचेरी और कर्नाटक में ही सत्ता में है।
बता दें कि 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस को 45 फीसदी और एमएनएफ को 28 प्रतिशत वोट मिले थे। जोराम पीपुल्स मूवमेंट(जेडपीएम) 7 क्षेत्रीय दलों को मिलाकर बनी है। इनमें से 2 दल ही ऐसे हैं, जिन्होंने 2013 में चुनाव लड़ा था। तब एमपीसी को 6 फीसदी और जोराम नेशनलिस्ट पार्टी को 17 प्रतिशत वोट मिले थे।
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2013 में भाजपा को राज्य में महज 0.37% वोट मिले थे। ये भाजपा का राज्य में सबसे कम वोट शेयर है। भाजपा यहां 1993 से चुनाव लड़ रही है। हालांकि, भाजपा इस बार कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है।